Arvind Kejriwal News: दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर गर्माहट आई है। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच तीखी बयानबाजी ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। सोमवार को सीलमपुर इलाके में कांग्रेस की एक रैली में राहुल गांधी द्वारा अरविंद केजरीवाल पर किए गए तीखे प्रहार के जवाब में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी अपनी पार्टी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि वह देश को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
राहुल गांधी का आप पर तीखा हमला
दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आम आदमी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल भी नरेंद्र मोदी की तरह झूठे वादों और प्रचार की राजनीति करते हैं। उन्होंने केजरीवाल की सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली की जनता को गुमराह किया जा रहा है। राहुल गांधी ने अपने भाषण में शीला दीक्षित के कार्यकाल की याद दिलाई और कहा कि उनके शासन के दौरान दिल्ली में विकास और सामाजिक सौहार्द का माहौल था।
जाति जनगणना पर दोनों दलों की खामोशी
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल दोनों पर जाति जनगणना के मुद्दे पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दोनों नेता नहीं चाहते कि पिछड़े वर्ग, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यकों को राजनीतिक भागीदारी मिले। राहुल गांधी ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित इलाकों का दौरा करते हुए शीला दीक्षित के शासनकाल की स्थिरता और शांति का उल्लेख किया।
अरविंद केजरीवाल का पलटवार
राहुल गांधी के आरोपों के जवाब में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह किसी भी प्रकार की गाली-गलौज की राजनीति में विश्वास नहीं रखते। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी उन्हें भले ही गालियां दें, लेकिन वह उनके बयानों पर टिप्पणी नहीं करेंगे। केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि उनका मकसद देश को भ्रष्टाचार मुक्त और विकासोन्मुख बनाना है।
आप और कांग्रेस के बिगड़ते रिश्ते
आप और कांग्रेस के बीच तनाव पिछले कुछ समय से बढ़ता जा रहा है। इंडिया गठबंधन के दोनों घटक दलों के बीच हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं हो सका था। इसके बाद दोनों पार्टियों के रिश्ते और खराब हो गए। दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भी दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
क्या है राजनीतिक भविष्य?
दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बढ़ती खाई क्या आगामी चुनावों पर असर डालेगी? यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों दलों के बीच बयानबाजी की यह जंग वोटरों को किस तरह प्रभावित करती है। दोनों पार्टियां अपने-अपने एजेंडे के साथ जनता के बीच जा रही हैं। जहां आप भ्रष्टाचार मुक्त शासन और लोकलुभावन नीतियों का वादा कर रही है, वहीं कांग्रेस दिल्ली के पुराने विकास मॉडल को सामने रखकर जनता का विश्वास जीतने की कोशिश कर रही है।
निष्कर्ष
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के बीच की यह बयानबाजी न सिर्फ दोनों दलों के रिश्तों की खटास को दिखाती है, बल्कि आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति को एक नई दिशा भी दे सकती है। जनता के सामने अब यह सवाल है कि वे किसे अपना नेता चुनते हैं—पारंपरिक विकास मॉडल की वकालत करने वाली कांग्रेस को या नई तरह की राजनीति का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी को।