Sunita Williams News: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर की पृथ्वी पर वापसी होने वाली है। वे स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान से धरती पर लौटेंगे। गौरतलब है कि वे दोनों पिछले साल 5 जून को बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल से केप कैनवेरल से रवाना हुए थे। उनका मिशन आठ दिनों का था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में लगभग नौ महीने तक फंसे रहे।
वापसी की समय-सारिणी
आज, 18 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 10:35 बजे, स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान को आईएसएस से अनडॉक किया जाएगा। यह प्रक्रिया कई कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें यान और रिकवरी टीम की तैयारी, मौसम की स्थिति और समुद्री हालात शामिल हैं। नासा और स्पेसएक्स क्रू-9 की वापसी के ठीक पहले स्प्लैशडाउन स्थान की पुष्टि करेंगे।
सुबह 08:15 बजे – यान का ढक्कन बंद किया गया।
Trending :सुबह 10:35 बजे – अनडॉकिंग प्रक्रिया प्रारंभ होगी।
19 मार्च, सुबह 02:41 बजे – डीऑर्बिट बर्न होगा, यानी यान पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा।
सुबह 03:27 बजे – अंतरिक्ष यान समुद्र में लैंड करेगा।
सुबह 05:00 बजे – नासा की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें मिशन से जुड़ी जानकारी साझा की जाएगी।
अंतरिक्ष से पृथ्वी तक लौटने में सुनीता और बुच को कुल 17 घंटे का समय लगेगा।
कहां होगा स्प्लैशडाउन?
अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलने के बाद अमेरिका के फ्लोरिडा तट के पास अटलांटिक महासागर में स्प्लैशडाउन करेगा। इसके बाद अंतरिक्ष यात्रियों को एक-एक करके यान से बाहर निकाला जाएगा। नासा इस पूरी प्रक्रिया का लाइव प्रसारण कर रहा है, जिसमें हैच क्लोजर, अनडॉकिंग और स्प्लैशडाउन जैसी महत्वपूर्ण घटनाएं शामिल हैं।
स्वास्थ्य और पुनर्वास प्रक्रिया
सफल लैंडिंग के बाद सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में भेजा जाएगा, जहां वे कुछ दिनों तक पोस्ट-मिशन मेडिकल जांच से गुजरेंगे।
अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण अंतरिक्ष यात्रियों को कई शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे:
हड्डियों और मांसपेशियों की गिरावट
विकिरण जोखिम
दृष्टि हानि
अकेलेपन और मानसिक तनाव
इसलिए, पृथ्वी पर लौटने के बाद उनके स्वास्थ्य की निगरानी की जाएगी और उन्हें आवश्यक पुनर्वास दिया जाएगा।
निष्कर्ष
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की यह वापसी एक ऐतिहासिक क्षण है। यह मिशन तकनीकी चुनौतियों से भरा रहा, लेकिन अंततः उनकी सुरक्षित वापसी के प्रयास सफल हो रहे हैं। नासा और स्पेसएक्स की संयुक्त टीम ने इस मिशन को सुरक्षित रूप से पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पूरे विश्व की नजरें इस वापसी पर टिकी हुई हैं, और भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की सफलता पर भारत को गर्व है।