Airlines System Work: त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही यात्रियों के लिए हवाई यात्रा महंगी होती जा रही है। एयरलाइन कंपनियां इस सीजन में एल्गोरिदम, डार्क पैटर्न्स और ड्रिप प्राइसिंग जैसे तरीकों का उपयोग करके यात्रियों से अधिक किराया वसूल रही हैं। आपने शायद गौर किया होगा कि जब आप किसी फ्लाइट का किराया चेक करते हैं, तो थोड़ी देर बाद वही किराया बढ़ जाता है। यह अचानक उछाल किस वजह से होता है और इससे बचने के क्या उपाय हो सकते हैं? इस लेख में हम इन्हीं सवालों के जवाब देंगे।
कैसे काम करता है एयरलाइंस का एल्गोरिदम?
विशेषज्ञों के अनुसार, एयरलाइन कंपनियों का एल्गोरिदम पूरी तरह से डिमांड और सप्लाई के सिद्धांत पर काम करता है। जब किसी विशेष फ्लाइट के लिए अधिक संख्या में लोग सर्च करते हैं, तो एल्गोरिदम यह संकेत देता है कि इस फ्लाइट की मांग बढ़ रही है, और इसलिए किराया भी बढ़ा दिया जाता है। सर्वे की एक रिपोर्ट में यह पाया गया कि 72% लोगों ने इस बात की पुष्टि की कि अगर वे एक ही फ्लाइट का किराया बार-बार चेक करते हैं, तो किराया पहले की तुलना में बढ़ा हुआ दिखाई देता है।
इसका कारण एयरलाइंस का स्मार्ट एल्गोरिदम है, जो उपयोगकर्ताओं की गतिविधियों पर नजर रखता है। अगर किसी फ्लाइट को बार-बार सर्च किया जाता है, तो सिस्टम इस जानकारी को प्रोसेस करता है और फ्लाइट के किराये में वृद्धि कर देता है, ताकि कंपनियों को अधिक मुनाफा हो सके।
डार्क पैटर्न्स और ड्रिप प्राइसिंग का खेल
कई बार एयरलाइन कंपनियां अपनी वेबसाइट या बुकिंग पोर्टल पर डार्क पैटर्न का उपयोग करती हैं। इसका मतलब है कि वे आपको यह दिखाती हैं कि फ्लाइट में कुछ ही सीटें बची हैं और अगर आपने तुरंत बुकिंग नहीं की, तो आप इस मौके से चूक सकते हैं। इससे ग्राहक हड़बड़ी में टिकट बुक करने लगते हैं, बिना ज्यादा जांच-पड़ताल किए। यह रणनीति मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए होती है, ताकि ग्राहक जल्दबाजी में टिकट बुक करें और अधिक भुगतान करें।
इसके साथ ही, ड्रिप प्राइसिंग भी एक आम प्रक्रिया है। जब आप फ्लाइट का किराया देखते हैं, तो यह एक आकर्षक कीमत दिखाता है, लेकिन जैसे ही आप आगे बढ़ते हैं, उसमें हिडन चार्ज और अन्य शुल्क जोड़ दिए जाते हैं। ये शुल्क सीट चयन, बैगेज फीस, और अन्य अतिरिक्त सेवाओं के रूप में हो सकते हैं, जिससे अंतिम किराया शुरूआती कीमत से कहीं ज्यादा हो जाता है।
एयरलाइन्स के एल्गोरिदम से कैसे बच सकते हैं?
गोपनीय मोड (इन्कॉग्निटो मोड) का उपयोग करें: अगर आप फ्लाइट का किराया बार-बार चेक कर रहे हैं, तो अपनी ब्राउज़िंग हिस्ट्री को साफ़ करने या गोपनीय मोड का उपयोग करने से एल्गोरिदम को आपकी गतिविधियों का पता नहीं चलेगा। इससे आप किराए में अचानक वृद्धि से बच सकते हैं।
अलग-अलग डिवाइस से सर्च करें: अगर आपको लगता है कि किराया बार-बार चेक करने से बढ़ रहा है, तो किसी दूसरे डिवाइस या मोबाइल से सर्च करें। कई बार एल्गोरिदम एक ही डिवाइस से लगातार सर्च करने पर किराया बढ़ा देता है।
एडवांस बुकिंग करें: हवाई यात्रा सस्ते में करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपनी बुकिंग एडवांस में कर लें। जैसे-जैसे यात्रा की तारीख नजदीक आती है, किराया बढ़ने की संभावना अधिक होती है।
मूल्य अलर्ट का उपयोग करें: कई वेबसाइट और ऐप्स मूल्य अलर्ट प्रदान करती हैं। आप अपनी पसंदीदा फ्लाइट के लिए अलर्ट सेट कर सकते हैं, जिससे जब किराया कम हो तो आपको नोटिफिकेशन मिल सके। यह एक अच्छा तरीका है सस्ते टिकट हासिल करने का।
अलग-अलग एयरलाइंस की तुलना करें: हमेशा विभिन्न एयरलाइंस के किरायों की तुलना करें। कई बार एक ही रूट पर अलग-अलग एयरलाइंस में किराए में काफी अंतर हो सकता है।
डार्क पैटर्न्स से कैसे बचें?
डार्क पैटर्न्स से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप हड़बड़ी में निर्णय न लें। जब वेबसाइट कहती है कि केवल 1-2 सीटें बची हैं, तो ठंडे दिमाग से काम लें और पहले पूरी जानकारी जांचें। इसके अलावा, फ्लाइट बुकिंग के समय हर अतिरिक्त शुल्क और चार्ज पर ध्यान दें। इससे आप छुपे हुए शुल्कों से बच सकते हैं।
निष्कर्ष
त्योहारी सीजन में हवाई किरायों में बढ़ोतरी आम बात है, लेकिन एयरलाइन कंपनियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले एल्गोरिदम और डार्क पैटर्न्स से बचना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, अगर आप सावधानी बरतते हैं और स्मार्ट तरीके से बुकिंग करते हैं, तो आप इन ट्रिक्स से बच सकते हैं और अपनी यात्रा को सस्ता बना सकते हैं। सही समय पर बुकिंग, गोपनीय मोड का उपयोग, और मूल्य अलर्ट जैसे उपायों से आप अपनी जेब पर बोझ कम कर सकते हैं।