Amit Shah In Rajya Sabha: शुक्रवार, 21 मार्च को गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में गृह मंत्रालय की कार्यप्रणाली पर विस्तार से चर्चा की। अपने संबोधन में उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा, नक्सलवाद, आतंकवाद और गृह मंत्रालय में किए गए बदलावों पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने यह दावा किया कि पिछले दस वर्षों में देश ने ऐसी प्रगति देखी है, जो आजादी के बाद से अब तक नहीं हुई थी।
नक्सलवाद पर सख्त रुख
गृहमंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद राजनीतिक समस्या नहीं है, बल्कि इसे समाप्त करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता दे रही है, जिससे स्थानीय लोग मुख्यधारा से जुड़ सकें।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार:
2025 में अब तक 90 नक्सली मारे गए, 104 गिरफ्तार हुए, और 164 ने आत्मसमर्पण किया।
2024 में 290 नक्सली न्यूट्रलाइज हुए, 1090 गिरफ्तार हुए, और 881 ने आत्मसमर्पण किया।
2004 से 2014 के बीच नक्सली हिंसा की 16,463 घटनाएँ हुई थीं, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल (2014-2024) में यह संख्या 53% घटकर 7,744 रह गई।
सुरक्षाबलों की शहादत की संख्या 73% घटकर 509 हो गई, और नागरिकों की मौतों में 70% की कमी आई।
आतंकवाद और कश्मीर पर सरकार का रुख
गृहमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार आतंकवाद के प्रति "जीरो टॉलरेंस" की नीति अपनाती है। पहले आतंकी हमलों के बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती थी, लेकिन उरी और पुलवामा हमलों के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को जवाब दिया।
उन्होंने कश्मीर में हुए बदलावों पर चर्चा करते हुए कहा कि:
2019 से 2024 के बीच 40,000 सरकारी नौकरियाँ दी गईं।
1.51 लाख स्वरोजगार के अवसर सृजित किए गए।
70% तक आतंकवाद से जुड़ी हिंसक घटनाओं में कमी आई।
2004 से 2014 के बीच जम्मू-कश्मीर में 7,217 आतंकवादी घटनाएँ हुई थीं, जबकि 2014 से 2024 के बीच यह संख्या घटकर 2,242 रह गई।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का निर्णय वोट बैंक की राजनीति के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता के लिए लिया गया था। यह निर्णय संविधान निर्माताओं के "एक संविधान, एक झंडा" के विचार को पूरा करता है।
गृह मंत्रालय में बदलाव और सुरक्षा नीति
गृहमंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय की जिम्मेदारियों और कार्यप्रणाली में हुए बदलावों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा गृह मंत्रालय के दायरे में आते हैं, जबकि कानून और व्यवस्था राज्यों के अधीन है।
हालांकि, आधुनिक अपराध अब राज्य-सीमा तक सीमित नहीं हैं, जैसे कि:
नारकोटिक्स (ड्रग तस्करी)
साइबर अपराध
संगठित अपराध गिरोह
हवाला लेनदेन
इसलिए, गृह मंत्रालय में आवश्यक बदलाव किए गए हैं ताकि इन अपराधों पर राष्ट्रीय स्तर पर सख्त कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में गृह मंत्रालय में बड़े सुधार लागू किए गए हैं, जिससे देश की सुरक्षा मजबूत हुई है।