+

Himanta Biswa Sarma:असम-बांग्लादेश में घटी हिंदुओं की आबादी, अगला नंबर इन राज्यों का; CM हिमंत शर्मा ने दिखाए आंकड़े

Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि असम और बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी तेजी से घटी है। इसके अलावा उन्होंने एक ग्राफिक भी शेयर किया है। वहीं उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी स्थिति ऐसी ही होने की

Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि असम और बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी "तेजी से घट रही है" और "जनसांख्यिकीय आक्रमण" हो रहा है। इसके साथ ही सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक ग्राफिक भी जारी किया। इसमें उन्होंने बताया कि किस तरह से आजादी के बाद से हिंदुओं की आबादी लगातार घटती गई है और मुस्लिम आबादी में इजाफा देखने को मिला है। इसके अलावा सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि इसके बाद पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी ऐसी ही स्थिति होने की उम्मीद है। 

पश्चिम बंगाल व झारखंड में भी ऐसी ही उम्मीद

असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट की। अपनी इस पोस्ट में उन्होंने जनगणना के आंकड़ों का हवाला देते हुए आशंका जताई कि पश्चिम बंगाल व झारखंड में भी स्थिति ऐसी ही होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, "असम और बांग्लादेश दोनों में हिंदू आबादी तेजी से घट रही है। 2021 की जनगणना के आंकड़े संभवतः अधिक विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। दोनों स्थानों की 2011 तक की आधिकारिक जनगणना के आंकड़े स्पष्ट रूप से जनसांख्यिकीय बदलाव को दर्शाते हैं।" 

सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने शेयर किया ग्राफिक

सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने अपनी पोस्ट के साथ एक ग्राफिक को भी शामिल किया, जिसमें दिखाया गया कि असम में हिंदू आबादी घटकर 2011 में 61.47 प्रतिशत रह गई है, जो 1951 में 70.78 प्रतिशत थी, जबकि इसी अवधि में बांग्लादेश में यह 22 प्रतिशत से घटकर 8.5 प्रतिशत हो गई है। दूसरी ओर, असम में मुस्लिम आबादी 60 साल की अवधि में 25.37 प्रतिशत से बढ़कर 34.23 प्रतिशत हो गई, जबकि बांग्लादेश में यह 76 प्रतिशत से बढ़कर 90.4 प्रतिशत हो गई।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हुए हमले

बता दें कि हाल ही में भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद वहां के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर कई हमले हुए। भारत में इन हमलों को लेकर जगह-जगह पर विभिन्न संगठनों के द्वारा विरोध भी जताया जा रहा है। वहीं तख्तापलट के बाद बांग्लादेश से तमाम अल्पसंख्यक भारत में आने के लिए सीमा पर पहुंचे हुए हैं। 

facebook twitter