Israel-Hezbollah War: लेबनान में इजरायली हमले में 274 लोगों की मौत के बाद हिजबुल्लाह का गुस्सा भड़क उठा है। हमले के कुछ ही समय बाद, हिजबुल्लाह ने इजरायल पर सैकड़ों रॉकेट दागे, जिससे इजरायल के आसमान में हवाई हमलों के सायरन बजने लगे। इजरायल के नागरिक जान बचाने के लिए बंकरों और सुरक्षित स्थानों की ओर भागते देखे गए। इस बढ़ते संघर्ष के बीच, इजरायली सेना का दावा है कि उनके आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम ने हिजबुल्लाह के अधिकतर रॉकेटों को नष्ट कर दिया है, जिससे भारी नुकसान टल गया है।
इजरायल में इमरजेंसी की घोषणा
हिजबुल्लाह के तेज और लगातार पलटवार ने इजरायल को सतर्क कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप देश में इमरजेंसी लागू कर दी गई है। यह इमरजेंसी फिलहाल 30 सितंबर तक जारी रहेगी। हिजबुल्लाह द्वारा किए गए रॉकेट हमलों ने इजरायली आसमान में आतिशबाजी जैसा दृश्य पैदा कर दिया है, जिसे इजरायली मीडिया ने "दिवाली जैसा नजारा" करार दिया है। इजरायली रक्षा बल (IDF) ने हिजबुल्लाह के हमलों को रोकने के अपने प्रयासों का वीडियो जारी किया, जिसमें आयरन डोम सिस्टम की प्रभावशाली कार्यप्रणाली को दिखाया गया है। यह प्रणाली आसमान में उड़ते रॉकेटों को मार गिराते हुए दिखाई दे रही है, जिससे व्यापक तबाही टल रही है।
ईश्वर और आयरन डोम का धन्यवाद
इजरायली सेना और नागरिकों ने हिजबुल्लाह के हमलों को विफल करने के लिए ईश्वर और आयरन डोम सिस्टम का धन्यवाद अदा किया है। हिजबुल्लाह का हमला उत्तरी इजरायल पर केंद्रित था, और इजरायली सेना ने इसके खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हम लेबनानी सरकार को उसकी धरती से लॉन्च किए गए हर हिजबुल्लाह रॉकेट के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। इजरायल के लोगों की सुरक्षा के लिए हम कभी माफी नहीं मांगेंगे।"
इजरायली हमले से मध्य-पूर्व में तनाव
इजरायल के हवाई हमले में लेबनान में हुई भारी क्षति ने मध्य-पूर्व में तनाव को और भड़का दिया है। इस हमले में 274 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इजरायल की यह कार्रवाई, जिसमें उसने लड़ाकू विमानों से लेबनान पर हमला किया, ने पूरे क्षेत्र में अस्थिरता को बढ़ावा दिया है। इस बढ़ते संकट के बीच, अमेरिका ने भी मध्य-पूर्व में अपनी सेना की तैनाती का ऐलान किया है, ताकि वह क्षेत्र में किसी भी अनहोनी स्थिति से निपट सके।
बढ़ते तनाव के परिणाम
यह हमला और उसके बाद हुई घटनाएं न केवल इजरायल और लेबनान के बीच तनाव को और बढ़ा रही हैं, बल्कि पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र में व्यापक असर डाल रही हैं। हिजबुल्लाह के पलटवार और इजरायल की आक्रामक प्रतिक्रियाओं से यह संघर्ष और गहराता जा रहा है। अमेरिका की सेना की तैनाती ने इस संघर्ष को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण बना दिया है, और आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि क्या यह तनाव और बढ़ेगा या किसी कूटनीतिक समाधान की ओर बढ़ेगा।
इस बीच, दोनों देशों के बीच स्थिति अत्यधिक संवेदनशील बनी हुई है, और वैश्विक समुदाय की नजरें इस क्षेत्र पर टिकी हुई हैं, जहां किसी भी क्षण स्थिति और गंभीर हो सकती है।