Delhi Air Pollution: दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने 22 अक्टूबर 2024 से GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का स्टेज 2 लागू करने का आदेश दिया है। इस आदेश के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं ताकि वायु गुणवत्ता को नियंत्रित किया जा सके। राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से ऊपर हो गया है, जिसे गंभीर स्थिति के रूप में माना जाता है।
GRAP स्टेज 2 के तहत महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई सख्त कदम उठाए गए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है डीजल जनरेटर सेट पर पूर्ण प्रतिबंध, जो 22 अक्टूबर को सुबह 8 बजे से लागू हो जाएगा। इसके अलावा, वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:
सड़कों की सफाई और पानी का छिड़काव: चिन्हित सड़कों पर हर दिन मैकेनिकल और वैक्यूम स्वीपिंग की जाएगी। साथ ही, धूल को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव भी होगा।
सड़क धूल नियंत्रण: भारी यातायात वाले क्षेत्रों और संवेदनशील इलाकों में धूल अवरोधकों और पानी के छिड़काव का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इन उपायों से धूल को कम करने का प्रयास किया जाएगा।
निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण: सभी सी और डी ग्रेड की निर्माण साइटों पर धूल नियंत्रण के उपायों को सख्ती से लागू करने के लिए निरीक्षण बढ़ा दिया गया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्माण स्थलों से निकलने वाली धूल वायु गुणवत्ता को और अधिक खराब न करे।
हॉटस्पॉट पर लक्षित कार्रवाई: एनसीआर के चिन्हित हॉटस्पॉट्स पर केंद्रित कार्रवाई होगी ताकि वहां प्रदूषण के प्रमुख कारणों का पता लगाकर उन्हें रोका जा सके।
बिजली आपूर्ति में सुधार: वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादन के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, ताकि डीजल जनरेटर सेट का उपयोग कम हो।
डीजी सेट संचालन पर निगरानी: औद्योगिक, वाणिज्यिक, और आवासीय क्षेत्रों में डीजल जनरेटर सेट के विनियमित संचालन के लिए सख्त अनुसूची लागू की जाएगी।
यातायात संचालन में सुधार: यातायात के सुचारू प्रवाह के लिए समकालिक यातायात संचालन किया जाएगा, साथ ही चौराहों और यातायात भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पर्याप्त स्टाफ तैनात होगा।
जनजागरूकता अभियान: वायु प्रदूषण के स्तर और इससे निपटने के उपायों पर लोगों को जागरूक करने के लिए समाचार पत्र, टीवी, और रेडियो के माध्यम से अलर्ट जारी किए जाएंगे।
पार्किंग शुल्क में वृद्धि: निजी वाहन उपयोग को कम करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाए जाएंगे, ताकि लोग निजी वाहनों का उपयोग कम से कम करें।
सार्वजनिक परिवहन का विस्तार: सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े को बढ़ाया जाएगा, साथ ही मेट्रो सेवाओं को भी और बेहतर किया जाएगा।
बायोमास जलाने पर रोक: ठंड के मौसम में खुले में बायोमास या ठोस अपशिष्ट जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) को निर्देश दिया गया है कि वे सुरक्षा कर्मचारियों को इलेक्ट्रिक हीटर मुहैया कराएं ताकि इस प्रकार के प्रदूषणकारी कृत्यों को रोका जा सके।
नागरिकों से सहयोग की अपील
इन सभी उपायों का उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को सुधारना है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करें और निजी वाहनों का उपयोग कम से कम करें। इसके साथ ही, निम्नलिखित सलाह दी गई है:
- सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और अपने निजी वाहनों का उपयोग कम करें।
- कम भीड़भाड़ वाले मार्ग का चुनाव करें, भले ही वह मार्ग थोड़ा लंबा क्यों न हो।
- अपने वाहनों में एयर फिल्टर को समय-समय पर बदलें।
- निर्माण गतिविधियों से बचें, खासकर अक्टूबर से जनवरी के महीनों में।
- खुले में अपशिष्ट जलाने से बचें।
निष्कर्ष
दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है, जिसका सीधा प्रभाव नागरिकों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। GRAP स्टेज 2 के तहत उठाए गए कदम इस समस्या से निपटने में मदद करेंगे, लेकिन इसके सफल क्रियान्वयन के लिए सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ आम नागरिकों का सहयोग भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।