Maharashtra Election 2024: मशहूर बॉलीवुड अभिनेता और पूर्व सांसद गोविंदा ने महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पचोरा में आयोजित महायुति के प्रचार अभियान में हिस्सा लिया। उनके स्वागत में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, और उन्होंने महायुति उम्मीदवार किशोर पाटिल के समर्थन में रोड शो किया। लेकिन बीच रोड शो के दौरान गोविंदा की तबीयत बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें कार्यक्रम को अधूरा छोड़कर मुंबई लौटना पड़ा।
सीने और पैर में दर्द के चलते रोका प्रचार
रोड शो के दौरान गोविंदा ने अचानक सीने और पैर में दर्द की शिकायत की। उन्होंने आयोजकों और जनता से माफी मांगते हुए कहा,
"मैं यहां के लोगों का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे इतना प्यार दिया। लेकिन मेरी तबीयत ठीक नहीं है, और मैं कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। इसलिए मैं इस दौरे को यहीं समाप्त कर रहा हूं और मुंबई लौट रहा हूं।"
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शिवसेना में शामिल होकर कर रहे प्रचार
कुछ दिन पहले गोविंदा ने एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना जॉइन की थी। वह महाराष्ट्र चुनाव में महायुति (एनडीए) के उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी अगुवाई में महाराष्ट्र और देश प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने जनता से अपील की कि किशोर पाटिल को भारी मतों से जिताकर विधानसभा भेजें। गोविंदा ने कहा,
"प्रधानमंत्री मोदी और एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र को वैश्विक मानचित्र पर पहचान दिलाई है। मुझे विश्वास है कि किशोर पाटिल की जीत महायुति की सफलता को सुनिश्चित करेगी।"
महाराष्ट्र चुनाव: प्रचार का आखिरी चरण
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अब आखिरी चरण में है। चार दिन बाद होने वाले मतदान के मद्देनजर सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। प्रचार थमने से पहले महायुति और विपक्षी दलों के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है।
गोविंदा का प्रचार में शामिल होना शिवसेना और महायुति के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा था। लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ने से उनकी सक्रिय भागीदारी पर सवाल खड़े हो गए हैं।
गोविंदा का संदेश: महायुति की जीत पर विश्वास
तबीयत खराब होने के बावजूद गोविंदा ने महायुति की जीत पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा,
"किशोर पाटिल के जीतने के बाद मैं यहां जरूर वापस आऊंगा। महायुति की जीत तय है। महाराष्ट्र के सितारे और नेता देश को आगे बढ़ाने के लिए साथ आए हैं।"
निष्कर्ष
गोविंदा का राजनीतिक अभियान उनके प्रशंसकों और समर्थकों के लिए उत्साहजनक था, लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ने से अभियान को धक्का लगा है। फिर भी, उनका शिवसेना से जुड़ना और महायुति के लिए प्रचार करना महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई दिशा का संकेत देता है।
आने वाले चुनावी नतीजे यह तय करेंगे कि गोविंदा और शिवसेना की यह साझेदारी महायुति के लिए कितनी फायदेमंद साबित होती है।