Wheat Prices News: गेहूं की बढ़ती कीमतों पर सरकार का बयान सामने आया है. सरकार का कहना है कि वह कीमतों पर नजर बनाए हुए है. अभी फिलहाल गेहूं पर आयात ड्यूटी घटाने का कोई विचार नहीं है. इस बार गेहूं का उत्पादन 112 मिलियन मिट्रिक टन हुआ है. किसी भी सरकारी स्कीम के लिए गेहूं की कमी नहीं होने जा रही है. सरकार का कहना है कि अभी तक FCI ने 266 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीदी की है. केद्र सरकार गेहूं के दामों पर नजर रख रही है.
क्या कहती है रिपोर्ट?
गेहूं का स्टॉक पूरा करने के लिए सरकार लगातार गेहूं की खरीद कर रही है. अब तक सरकार 26 लाख टन गेहूं खरीद चुकी है. जबकि लक्ष्य 372 लाख टन का है. इतना ही नहीं सरकार ने गेहूं खरीद का समय भी 22 जून तक बढ़ा दिया है, हालांकि मंडियों में गेहूं उतना पहुंच नहीं रहा है. अगर ऐसे ही हालात बने रहे तब सरकार को गरीबों को अनाज वितरण के लिए तत्काल गेहूं का आयात करना होगा.
बीते कुछ सालों में भारत का गेहूं निर्यात बढ़ा है. जबकि भारत ने आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन से 2017-18 में 15 लाख टन गेहूं का आयात किया था. वहीं 2021-22 में देश से 80 लाख टन, 2022-23 में 55 लाख टन और 2023-24 में 5 लाख टन गेहूं एक्सपोर्ट किया गया.
अब महंगा हो गया आटा
मौजूदा वक्त में गेहूं की खुले बाजार में कीमत 2600 से 2700 रुपए क्विंटल तक है. ऐसे में महंगे गेहूं से बना आटा भी महंगा होगा. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इससे आने वाले 15 दिन में आटा 31 रुपए प्रति किलो के भाव तक पहुंच सकता है, जो अभी 28 रुपए के भाव पर है. गेहूं की कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार ने व्यापारियों के लिए स्टॉक लिमिट लगा दी है. अब वह 5,000 क्विंटल से अधिक मात्रा में गेहूं का भंडारण नहीं कर सकते हैं, जो कि अपने आप में चिंता का विषय है.