Donald Trump News:भारत के लिए अच्छी खबर! चीन के कट्टर आलोचक माइक वॉल्ट्ज को ट्रंप ने चुना NSA

09:11 AM Nov 12, 2024 | zoomnews.in

Donald Trump News: अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद अपनी नई टीम के गठन की प्रक्रिया तेज कर दी है। आगामी जनवरी में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले, ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमा सुरक्षा और नीति निर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुभवी और प्रभावशाली नेताओं को जिम्मेदारी सौंपना शुरू कर दिया है। हाल ही में ट्रंप ने रिपब्लिकन सांसद माइक वाल्ट्ज को अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के रूप में नियुक्त किया। माइक वाल्ट्ज चीन के मुखर आलोचक माने जाते हैं और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की मजबूत समझ के लिए जाने जाते हैं।

माइक वाल्ट्ज: एक अनुभवी सुरक्षा विशेषज्ञ

माइक वाल्ट्ज एक रिटायर्ड आर्मी नेशनल गार्ड अधिकारी हैं, जिन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ संघर्ष में हिस्सा लिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर, वाल्ट्ज का कार्य महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर राष्ट्रपति ट्रंप को सलाह देना होगा। उनकी प्राथमिक जिम्मेदारियों में रूस-यूक्रेन युद्ध, रूस और उत्तर कोरिया के गठबंधन, और इजरायल-हमास-हिजबुल्लाह संघर्ष जैसे गंभीर मुद्दे शामिल होंगे। वाल्ट्ज अमेरिका को सुरक्षित रखने के ट्रंप के एजेंडे के प्रबल समर्थक रहे हैं और बाइडेन प्रशासन की अफगानिस्तान से सैनिक वापसी की नीति की कड़ी आलोचना भी कर चुके हैं।

अमेरिका-भारत संबंधों में वाल्ट्ज की भूमिका

वाल्ट्ज न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में सक्रिय हैं, बल्कि अमेरिका-भारत संबंधों में भी एक अहम भूमिका निभाते हैं। वे "इंडिया कॉकस" के हेड हैं, जो अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय-अमेरिकी संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इसकी स्थापना 2004 में भारतीय और अमेरिकी हितों पर संयुक्त चर्चा और सहयोग के लिए की गई थी। इस कॉकस में द्विदलीय सदस्यता के साथ 34 से अधिक सीनेटर शामिल हैं। माइक वाल्ट्ज का यह पद अमेरिका-भारत संबंधों को बढ़ावा देने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

चीन के प्रति सख्त रुख

माइक वाल्ट्ज चीन के प्रबल आलोचक रहे हैं और कई मौकों पर चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की पैरवी की है। कोविड-19 की उत्पत्ति और उइगर मुस्लिम आबादी के साथ हो रहे दमन के कारण, उन्होंने 2022 के बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के बहिष्कार की अपील की थी। वे रिपब्लिकन पार्टी के "चाइना टास्क फोर्स" में भी शामिल हैं और चीन को अमेरिका के लिए एक प्रमुख खतरे के रूप में देखते हैं। उनका मानना है कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में संभावित संघर्ष के मद्देनजर अमेरिकी सेना को और अधिक सशक्त होने की आवश्यकता है।

अन्य महत्वपूर्ण नियुक्तियां

ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां शुरू कर दी हैं। राजनीतिक सलाहकार स्टीफन मिलर को उनके प्रशासन में नीति मामलों का उप प्रमुख नियुक्त किया गया है। साथ ही, टॉम होमैन को “बॉर्डर जार” (सीमा अधिकारी) के रूप में चुना गया है, जिनका कार्य सीमा सुरक्षा और अवैध प्रवासियों को उनके मूल देशों में वापस भेजने का रहेगा। टॉम होमैन पहले भी ट्रंप प्रशासन में सक्रिय भूमिका में रह चुके हैं और उनकी नियुक्ति ट्रंप के सीमा-सुरक्षा एजेंडे के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

ट्रंप की नई टीम का एजेंडा

डोनाल्ड ट्रंप की नई टीम के गठन से संकेत मिलता है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा, अमेरिका-चीन संबंधों और सीमा सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। माइक वाल्ट्ज की नियुक्ति से ट्रंप प्रशासन में चीन के प्रति सख्त नीतियों के आसार दिख रहे हैं, जबकि स्टीफन मिलर और टॉम होमैन की नियुक्ति से घरेलू सुरक्षा और आव्रजन पर कठोर रुख की संभावनाएं मजबूत हो रही हैं।

यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप की यह टीम उनके एजेंडे को किस प्रकार प्रभावी तरीके से लागू करती है और वैश्विक मंच पर अमेरिका की भूमिका को कैसे मजबूत बनाती है।