Gold Rate Today: गुरुवार को सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जो घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों में देखी गई। यह गिरावट मुख्य रूप से निवेशकों की सतर्कता और बाजार के अस्थिर रुझानों के कारण आई है।
वायदा बाजार में सोने का प्रदर्शन
भारत में मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने की कीमतें गिरावट के साथ ट्रेड कर रही हैं।
- 5 फरवरी 2025 डिलीवरी:
- सोने की कीमत 0.31% (236 रुपये) की गिरावट के साथ 76,280 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई।
- 5 दिसंबर 2024 डिलीवरी:
- यह 0.37% (280 रुपये) की गिरावट के साथ 75,480 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा है।
यह गिरावट निवेशकों के रुझान में बदलाव और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमजोरी का संकेत देती है।
वैश्विक बाजार में सोने की कीमतें
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई।
- कॉमेक्स पर:
- सोने का भाव 0.41% (11 डॉलर) गिरकर 2,653.80 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा है।
- गोल्ड स्पॉट:
- 0.23% (6.05 डॉलर) की गिरावट के साथ 2,629.97 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया।
यह गिरावट डॉलर की मजबूती और अन्य निवेश विकल्पों की ओर ध्यान केंद्रित होने का परिणाम है।
घरेलू हाजिर बाजार का हाल
बुधवार को, दो दिन की गिरावट के बाद सोने के हाजिर भाव में सुधार देखने को मिला।
- 99.9% शुद्धता वाला सोना:
- 650 रुपये की बढ़त के साथ 78,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।
- 99.5% शुद्धता वाला सोना:
- 950 रुपये की वृद्धि के साथ 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
इससे पहले के दो कारोबारी सत्रों में सोने की कीमतों में 2,250 रुपये तक की गिरावट दर्ज की गई थी।
कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, बुधवार को सोने की कीमतों में बढ़त निम्नलिखित कारणों से आई:
- भू-राजनीतिक तनाव:
पश्चिम एशिया में बढ़ती अस्थिरता ने निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित किया। - घरेलू मांग में वृद्धि:
औद्योगिक उपयोग और आभूषण बाजार से जोरदार मांग ने कीमतों को सहारा दिया। - डॉलर का कमजोर होना:
डॉलर के कमजोर पड़ने से सोने की कीमतों में स्थिरता देखने को मिली थी।
गुरुवार को गिरावट का प्रमुख कारण वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और निवेशकों की ओर से सतर्कता बरतना है।
आगे की संभावनाएं
- लंबी अवधि में: भू-राजनीतिक स्थिति, केंद्रीय बैंकों की नीतियां, और डॉलर की स्थिति सोने की कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं।
- घरेलू बाजार में: शादियों और त्योहारी मांग के चलते आने वाले हफ्तों में कीमतों में सुधार देखने को मिल सकता है।
निष्कर्ष
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव निवेशकों के लिए चिंता और अवसर दोनों का संकेत है। वायदा और हाजिर बाजार में यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, क्योंकि भू-राजनीतिक और मौसमी मांगें इसे संतुलित कर सकती हैं। निवेशकों को सतर्कता बरतते हुए दीर्घकालिक रुझानों पर ध्यान देना चाहिए।