Bharat Ratna: केंद्र सरकार ने हाल ही में 5 विभूतियों को देश का सबसे बड़ा सम्मान देने की घोषणा की है। तब से लेकर भारत रत्न देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं तो कुछ इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इसी को लेकर आज राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केंद्र पर निशाना साधा है। अशोक गहलोत ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि भारत सरकार द्वारा 5 विभूतियों को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करते हैं। इन विभूतियों के लिए हमारे दिल में अथाह सम्मान है एवं देश के लिए इनका योगदान अतुलनीय है।
"नियम को तोड़कर सम्मान की गरिमा कम की गई"
अशोक गहलोत ने आगे लिखा कि हालांकि ऐसा लगता है कि एक वर्ष में अधिकतम 3 भारत रत्न देने के नियम को तोड़कर आनन-फानन में भारत रत्न देकर इस सम्मान का चुनावीकरण एवं राजनीतिकरण किया गया है एवं सम्मान की गरिमा कम की गई है। मुझे नहीं लगता है कि इन निर्णयों से एनडीए को बहुत बड़ा लाभ मिल सकेगा।
भारत सरकार द्वारा 5 विभूतियों को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करते हैं। इन विभूतियों के लिए हमारे दिल में अथाह सम्मान है एवं देश के लिए इनका योगदान अतुलनीय है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 11, 2024
हालांकि ऐसा लगता है कि एक वर्ष में अधिकतम 3 भारत रत्न देने के नियम को तोड़कर आनन-फानन में भारत रत्न देकर इस सम्मान का…
"ये सम्मान सिर्फ चुनावी लाभ के लिए हैं"
गहलोत ने आगे कहा, "यदि एनडीए सरकार सच में इनके योगदान को सम्मानित करना चाहती है तो कर्पूरी ठाकुर द्वारा पिछड़ों के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए जातिगत जनगणना करवाए, चौधरी चरण सिंह एवं एम एस स्वामीनाथन की मांग अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाए एवं पीवी नरसिम्हा राव द्वारा बनाए गए प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट की पालना सुनिश्चित करवाए जिसकी आजकल रोज अवहेलना की जा रही है एवं एनडीए सरकार के दौरान लालकृष्ण अडवाणी द्वारा जताई गई अघोषित आपातकाल जैसी आशंका के माहौल को सामान्य करने का प्रयास करे। अन्यथा सब यही मानेंगे कि ये सम्मान सिर्फ चुनावी लाभ के लिए हैं।"