Share Market News: शेयर बाजार में पिछले सात कारोबारी दिनों में जो गिरावट का सिलसिला देखने को मिला है, उसने निवेशकों के लिए चिंता बढ़ा दी है। मार्च 2023 के बाद यह पहली बार हुआ है कि बाजार इतनी लंबी अवधि तक लगातार गिरावट में रहा है। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों प्रमुख सूचकांक, भारी गिरावट के साथ बंद हुए हैं।
7 दिनों में बाजार में भारी गिरावट
बीते 7 कारोबारी सत्रों में, सेंसेक्स में कुल 3.78% की गिरावट दर्ज की गई है। 6 नवंबर को अंतिम बार सेंसेक्स 80,000 के करीब था, लेकिन इसके बाद यह 3,039.12 अंक गिरकर 77,339.01 अंकों पर आ गया। इसी प्रकार, निफ्टी ने 4.21% की गिरावट दर्ज की, और यह अपने लाइफटाइम हाई से 11% नीचे आ चुका है।
निवेशकों का 23.50 लाख करोड़ का नुकसान
इस गिरावट ने निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया है। 6 नवंबर को बीएसई का कुल बाजार पूंजीकरण 4,52,58,633.53 करोड़ रुपये था, जो 7 कारोबारी दिनों में घटकर 4,29,08,846.36 करोड़ रुपये रह गया। इस दौरान निवेशकों को कुल 23.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
गिरावट के पांच प्रमुख कारण
फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति:
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें सीमित हैं। नॉमुरा की रिपोर्ट के अनुसार, अगले साल जून तक 50 बेसिस प्वाइंट तक की कटौती हो सकती है, लेकिन इससे पहले कोई बदलाव नहीं होगा। इसका दबाव भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है।डॉलर इंडेक्स में तेजी:
डॉलर इंडेक्स में लगातार उछाल देखा जा रहा है। बीते तीन महीनों में यह 4.67% बढ़ा है और निकट भविष्य में इसके 107-108 के स्तर तक पहुंचने की संभावना है। मजबूत डॉलर के कारण विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं।कंपनियों की कमजोर तिमाही परिणाम:
दूसरी तिमाही में भारतीय कंपनियों का प्रदर्शन उम्मीद से कमजोर रहा। रिसर्च फर्म जेफरीज के मुताबिक, 63% कंपनियों ने मुनाफे में गिरावट दर्ज की है। यह ट्रेंड आगे की तिमाहियों में भी जारी रह सकता है, जिससे बाजार में दबाव बढ़ सकता है।बढ़ती महंगाई:
अक्टूबर में भारत की खुदरा महंगाई दर 6.21% रही, जो 14 महीनों का उच्चतम स्तर है। नवंबर में भी महंगाई दर 6% के आसपास रहने की संभावना है, जिससे बाजार में नकारात्मकता बनी रह सकती है।विदेशी निवेशकों की निकासी:
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FII) ने लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाला है। नवंबर में अब तक 23,913 करोड़ रुपये निकाले जा चुके हैं। अक्टूबर और नवंबर में यह आंकड़ा 1.18 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
आगे की राह: क्या करें निवेशक?
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में गिरावट का सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।
- लंबी अवधि का दृष्टिकोण: बाजार में गिरावट अल्पकालिक हो सकती है। दीर्घकालिक निवेशक इसे निवेश का अवसर मान सकते हैं।
- सावधानीपूर्वक चयन: निवेशकों को अच्छी बुनियादी संरचना वाली कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- लिक्विडिटी बनाए रखें: निवेशक इस समय अपने पोर्टफोलियो में लिक्विडिटी बनाए रखें और अत्यधिक जोखिम से बचें।
निष्कर्ष
शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट ने न केवल निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया है, बल्कि बाजार में अनिश्चितता का माहौल भी बना दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अल्पकालिक हो सकती है। लंबी अवधि के निवेशक इसे सही रणनीति के साथ अवसर में बदल सकते हैं।