Maharashtra Election:फडणवीस का आया महाराष्ट्र में जीत के बाद पहला रिएक्शन, X पर बोल दी दिल की बात

01:46 PM Nov 23, 2024 | zoomnews.in

Maharashtra Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के शुरुआती रुझानों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उनके नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को जबरदस्त बढ़त देते हुए दिखाया है। 288 सीटों वाली विधानसभा में महायुति 221 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि महा विकास अघाड़ी (MVA) मात्र 56 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। इस जीत से बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए लिखा, "एक हैं तो ‘सेफ’ हैं! मोदी है तो मुमकिन है!"

चुनाव प्रचार में बीजेपी के नए नारे और सफलता

बीजेपी ने इस चुनाव में कई नए और प्रभावशाली नारे दिए, जैसे "बंटेंगे तो कटेंगे" और "एक हैं तो सेफ हैं।" इन नारों ने मतदाताओं को एकजुट करने और विपक्ष की रणनीति को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाई। चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने जोर-शोर से अभियान चलाया, जिससे पार्टी को स्पष्ट जनसमर्थन मिला।

बीजेपी कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला क्षण हैं। लोकसभा चुनावों में अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन के बाद यह जीत पार्टी के लिए राहत भरी है। महाराष्ट्र, जो लोकसभा में 48 सीटें भेजता है, में MVA ने पिछली बार 30 सीटें जीती थीं। लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव परिणामों ने स्पष्ट संकेत दिया है कि बीजेपी और उसके सहयोगियों ने मतदाताओं का विश्वास दोबारा जीत लिया है।

बीजेपी ने अकेले 125 सीटों पर बढ़त बनाई है, जो दर्शाता है कि उसका जनाधार कितना मजबूत हुआ है। वहीं, महायुति के अन्य दलों ने भी अपनी-अपनी सीटों पर बेहतर प्रदर्शन किया है।

संजय राउत और विपक्ष की प्रतिक्रिया

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने चुनाव परिणामों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इन नतीजों को "जनादेश का प्रतिबिंब" मानने से इनकार कर दिया और आरोप लगाया कि "इसमें बड़ी साजिश और गड़बड़ी नजर आ रही है।" राउत ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान राज्य सरकार के खिलाफ जनता में गुस्सा था, लेकिन परिणामों में यह झलक नहीं रहा।

राउत ने सीधे तौर पर बीजेपी पर धनबल और सत्ताबल के इस्तेमाल का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार जैसे नेताओं की जीत संभव कैसे हुई, जबकि उनके खिलाफ "जनता में नाराजगी" थी।

आगे की राह

बीजेपी की यह जीत महाराष्ट्र की राजनीति को नई दिशा देने वाली है। इससे पार्टी को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मजबूती मिलेगी और संगठन के भीतर उत्साह बढ़ेगा। विपक्ष को अब नई रणनीतियों और मजबूत गठजोड़ के साथ फिर से मैदान में उतरना होगा।

इस चुनाव ने एक बार फिर साबित किया है कि मोदी-शाह की जोड़ी का नेतृत्व राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर बीजेपी को अजेय बनाने में कारगर है। हालांकि, विपक्ष के आरोपों और चुनौतियों को देखते हुए आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार जनता के विश्वास को किस प्रकार से बनाए रखती है।