Bangladesh Violence: बांग्लादेश के हालात पर भारत नजर बनाया हुआ है. पड़ोसी मुल्क में अशांति के बीच मंगलवार को संसद में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, जिसमें सरकार ने अपना रुख साफ किया, साथ ही विपक्ष के सवालों का जवाब भी दिया. इस बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बांग्लादेश हिंसा में बाहरी ताकतों को लेकर सवाल किया. इसपर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि बाहरी ताकत का हाथ होने की बात करना अभी जल्दबाजी है. हां, एक पाकिस्तानी डिप्लोमैट ने अपनी प्रोफाइल पिक्चर चेंज की है और हिंसा का समर्थन किया. वो अधिकारी ढाका में ही था, लेकिन अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
बैठक में जयशंकर ने कहा कि हम बांग्लादेश आर्मी के टच में हैं. उन्होंने आगे कहा कि वहां 20000 भारतीय थे. ज्यादातर छात्र थे. एडवाइजरी के बाद 8 हजार छात्र लौट आए हैं. शेख हसीना को सरकार थोड़ा स्पेस देना चाहती है. विपक्ष ने इस दौरान कहा कि वो इस मुद्दे पर सरकार के साथ है. तृणमूल कांग्रेस ने बॉर्डर के बारे में पूछा कि जिसपर सरकार की तरफ से बताया गया कि अभी तक इतनी संख्या बॉर्डर पर नहीं आई कि चिंताजनक हो लेकिन क्लोज़ मॉनिटरिंग चल रही है.
विदेश मंत्री ने एक्स पर किया पोस्ट
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में जयशंकर ने संसद भवन में हुई बैठक की तस्वीरें भी साझा कीं. विदेश मंत्री ने लिखा, आज संसद में एक सर्वदलीय बैठक में बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी. इस दौरान जताए गए सर्वसम्मत समर्थन और तालमेल के लिए सभी दलों की सराहना करता हूं.
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने से वहां अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है. हसीना सोमवार रात बांग्लादेशी वायुसेना के एक सी-130 जे सैन्य विमान से भारत पहुंचीं. बताया जा रहा है कि उनकी लंदन जाने की योजना है. प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को इस मुद्दे पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की.
सेना का राज
ढाका में बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने कहा कि हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और एक अंतरिम सरकार कार्यभार संभालने जा रही है. सेना प्रमुख ने टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा, ‘मैं (देश की) सारी जिम्मेदारी ले रहा हूं. कृपया सहयोग करें.’ सेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक नेताओं से मुलाकात की और उन्हें बताया कि सेना कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी.
पिछले दो दिनों में, हसीना सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं. बांग्लादेश में छात्रों का विरोध प्रदर्शन पिछले महीने विवादास्पद नौकरी आरक्षण योजना के खिलाफ शुरू हुआ था. यह प्रदर्शन बाद में सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया. वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम में भाग लेने वालों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान इस विवादास्पद आरक्षण व्यवस्था के तहत किया गया था.
Briefed an All-Party meeting in Parliament today about the ongoing developments in Bangladesh.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 6, 2024
Appreciate the unanimous support and understanding that was extended. pic.twitter.com/tiitk5M5zn