Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले के मामले में सशर्त जमानत प्रदान की है, जिसके बाद वह तिहाड़ जेल के 3 नंबर बैरक से शुक्रवार शाम को रिहा हो गए। उनकी रिहाई ने राजधानी दिल्ली में राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है, और उनकी पार्टी, आम आदमी पार्टी (AAP), ने इसे एक महत्वपूर्ण जीत के रूप में मनाया है।
स्वागत की धूम
केजरीवाल के तिहाड़ जेल से बाहर आते ही, आम आदमी पार्टी के समर्थकों की एक बड़ी भीड़ ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। समर्थकों ने उनके समर्थन में नारेबाजी की और बीजेपी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर केजरीवाल की पत्नी, सुनीता केजरीवाल, और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी जेल के बाहर उनके स्वागत के लिए मौजूद थे।
केजरीवाल का भावुक बयान
रिहा होने के बाद, केजरीवाल ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, "मैंने अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया है, लेकिन भगवान ने हर कदम पर मेरा साथ दिया है। इस बार भी भगवान ने मेरा साथ दिया क्योंकि मैं ईमानदार था।" उन्होंने यह भी कहा, "मेरे खून का एक-एक कतरा देश के लिए है।" उनके ये शब्द उनकी प्रतिबद्धता और संघर्ष को दर्शाते हैं।
जश्न की शुरुआत
रिहाई के बाद, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तिहाड़ जेल से सीएम आवास तक रोड शो आयोजित किया, जिसमें केजरीवाल के समर्थन में और बीजेपी के खिलाफ नारे लगाए गए। उनके आवास के बाहर, कार्यकर्ताओं ने नाच-गाकर और पटाखे फोड़कर जश्न मनाया। इस तरह के उत्सव ने दिल्ली की राजनीतिक फिजा में एक नई ऊर्जा भर दी।
पंजाब के सीएम का दौरा
अरविंद केजरीवाल की जमानत के कुछ ही घंटों बाद, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिल्ली पहुंचकर आम आदमी पार्टी के नेताओं से मुलाकात की। यह दौरा पार्टी के भीतर एकजुटता और समर्थन के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।
कानूनी दिशा-निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं। उन्हें अपने सीएम कार्यालय या दिल्ली सचिवालय में जाने की अनुमति नहीं है और किसी भी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर करने की इजाजत नहीं है, जब तक कि उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त नहीं होती।
पिछली घटनाएं
केजरीवाल को 21 मार्च को आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उन्हें लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत मिली थी, और 2 जून को सरेंडर करने के बाद से वह जेल में थे।
केजरीवाल की रिहाई के साथ, दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ आया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे की राजनीति में यह घटनाक्रम किस दिशा में विकसित होता है।