Haryana Election 2024:सैलजा के मंच पर साथ आकर भी हुड्डा के लिए नहीं बदले तेवर

12:35 PM Sep 27, 2024 | zoomnews.in

Haryana Election 2024: कांग्रेस आलाकमान के मान-मनौव्वल के बाद कुमारी सैलजा की नाराजगी भले ही दूर हो गई हो, लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा के तेवर अब भी जस के तस बने हुए हैं। हाल ही में, सैलजा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रचार में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने राहुल गांधी के साथ मंच साझा किया। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदय भान भी मौजूद थे, लेकिन हुड्डा का रुख पहले जैसा ही नजर आया।

कुमारी सैलजा का स्टैंड

कुमारी सैलजा ने स्पष्ट किया कि वह न तो कभी कांग्रेस से दूर थीं और न ही भविष्य में दूर होंगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में मुख्यमंत्री का चुनाव आलाकमान के निर्णय पर निर्भर करेगा, जिसे सभी को मानना पड़ेगा। सैलजा ने इस बार बीजेपी पर भी हमला किया, कहकर कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है। उनका कहना था कि बीजेपी को अपने पिछले 10 साल के कुशासन का जवाब देना होगा।

बीजेपी पर कटाक्ष

सैलजा ने अमित शाह के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कांग्रेस को दलित विरोधी बताया था। सैलजा ने कहा कि बीजेपी का नकाब उतर गया है और उनकी पार्टी के नेताओं का दलितों और महिलाओं के प्रति रवैया जगजाहिर हो चुका है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने कभी भी इस मुद्दे का जवाब नहीं दिया।

कांग्रेस में अंतर्विरोधों का खंडन

सैलजा ने कांग्रेस में चल रहे अंतर्विरोधों की बातों को भी खारिज किया और कहा कि पार्टी मिलकर सरकार बनाएगी। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मनोहर लाल खट्टर द्वारा सैलजा को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर देने के बारे में उन्होंने कहा कि यह हास्यास्पद है। लोगों को यह स्पष्ट है कि सैलजा हमेशा कांग्रेस के साथ रहेंगी।

नाराजगी का कारण

कुमारी सैलजा की नाराजगी की वजह टिकट बंटवारे में अनदेखी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से की गई अभद्र टिप्पणियाँ थीं। उनकी नाराजगी के बाद हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी। हालाँकि, हाल में सैलजा की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद स्थिति में सुधार आया। खरगे ने सैलजा को मामले को सुलझाने का आश्वासन दिया था, और इसके बाद सैलजा ने 26 सितंबर को हरियाणा में चार रैलियों को संबोधित किया।

निष्कर्ष

कांग्रेस में यह घटनाक्रम यह दर्शाता है कि अंदरूनी कलह और राजनीतिक समीकरणों के बीच एकता बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। कुमारी सैलजा की हालिया गतिविधियाँ और बीजेपी पर उनके हमले यह संकेत देते हैं कि कांग्रेस चुनावी मैदान में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस किस प्रकार से अपनी रणनीतियों को आगे बढ़ाएगी और कैसे वह अपने समर्थकों का विश्वास वापस जीतने में सफल होगी।