Amanatullah Khan: सोमवार की सुबह दिल्ली के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक महत्वपूर्ण छापेमारी की। यह रेड सुबह तड़के शुरू हुई और इसके बाद कई घंटों तक चलती रही। इस कार्रवाई की जानकारी स्वयं अमानतुल्लाह खान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि ईडी के अधिकारी उनके घर पर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पहुंचे हैं।
ईडी की कार्रवाई का विवरण
ईडी की टीम जब विधायक के घर पहुंची, तो पहले उन्हें घर के बाहर रोकने की कोशिश की गई। इसके बाद, दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स को बुलाया गया, जिससे छापेमारी की प्रक्रिया में विलंब हुआ। बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री के जवान घर के बाहर तैनात थे, जबकि ईडी की टीम को फ्लैट के अंदर पहुंचने में काफी समय लगा।
अभी सुबह-सुबह तानाशाह के इशारे पर उनकी कटपुतली ED मेरे घर पर पहुँच चुकी है, मुझे और AAP नेताओं को परेशान करने में तानाशाह कोई कसर नहीं छोड़ रहा।
— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) September 2, 2024
ईमानदारी से अवाम की ख़िदमत करना गुनाह है?
आख़िर ये तानाशाही कब तक?#EDRaid #Okhla pic.twitter.com/iR2YN7Z9NL
परिवार की स्थिति और अमानतुल्लाह खान की प्रतिक्रियाED की निर्दयता देखिये @KhanAmanatullah पहले ED की जाँच में शामिल हुए उनसे आगे के लिए समय माँगा, उनकी Mother In Law को कैंसर है उनका ऑपरेशन हुआ है घर में सुबह सुबह धावा बोलने पहुँच गये।@KhanAmanatullah के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं है लेकिन मोदी की तानाशाही और ED की गुंडागर्दी दोनों… pic.twitter.com/GyhduaghJB
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) September 2, 2024
छापेमारी के दौरान, अमानतुल्लाह खान ने ईडी अधिकारियों से कहा कि उनकी सास का हाल ही में ऑपरेशन हुआ है और वह इस समय घर पर हैं। वीडियो में वह यह भी कहते हैं कि उनके घर में पैसे की कमी है और उनकी पत्नी ने आरोप लगाया कि ईडी की कार्रवाई के दौरान उनके परिवार की स्थिति की कोई परवाह नहीं की जा रही है। अमानतुल्लाह खान ने यह भी कहा कि अगर उनकी सास को कुछ हो गया, तो वह ईडी को कोर्ट में ले जाएंगे।
पार्टी और राजनीतिक प्रतिक्रिया
आप के विधायक ने आरोप लगाया कि ईडी का उद्देश्य सिर्फ उन्हें गिरफ्तार करना और उनकी पार्टी को कमजोर करना है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से उनकी पार्टी और उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है। आप के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, और सत्येंद्र जैन पहले ही जेल में हैं, और अब उन्हें भी निशाना बनाया जा रहा है। अमानतुल्लाह खान ने 2016 के एक मामले को फर्जी बताते हुए कहा कि ईडी का यह कदम केवल राजनीतिक प्रतिशोध की तरह लग रहा है।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने इस मामले पर टिप्पणी की है और सोशल मीडिया पर लिखा कि "जो बोएगा वही काटेगा", यह संकेत देते हुए कि अमानतुल्लाह खान के खिलाफ की गई कार्रवाई उचित है।
वक्फ बोर्ड और पिछली पूछताछ
अमानतुल्लाह खान पहले दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं, और उन पर बोर्ड में अवैध नियुक्तियों और संपत्तियों को अवैध तरीके से किराए पर देने के आरोप लगे हैं। पिछले साल सितंबर में, एसीबी ने उनसे पूछताछ की थी, और बाद में 24 लाख रुपये और हथियार बरामद होने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, दिसंबर 2022 में उन्हें जमानत मिल गई थी।
आप सांसद संजय सिंह और मनीष सिसोदिया की टिप्पणियां
आप सांसद संजय सिंह ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट से बार-बार लताड़ मिलने के बावजूद ईडी ने अमानतुल्लाह खान के घर पर छापा मारा। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी चुनाव के ठीक पहले दिल्ली का माहौल बिगाड़ने के लिए भाजपा के हथियार के रूप में काम कर रही है।
आप नेता मनीष सिसोदिया ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि ईडी का मुख्य उद्देश्य भाजपा के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाना और तोड़ना है।
ED का बस यही काम रह गया है. BJP के ख़िलाफ़ उठने वाली हर आवाज़ को दबा दो. तोड़ दो. जो टूटे नहीं, दबे नहीं उसे गिरफ़्तार करके जेल में डाल दो. https://t.co/5XiGraftHV
— Manish Sisodia (@msisodia) September 2, 2024
निष्कर्षजाँच हो रही है या कॉमेडी? ध्यान से पूरा मामला पढ़िए।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) September 2, 2024
CBI ने 2016 में वक़्फ़बोर्ड के मामले में पर्चा दर्ज किया @KhanAmanatullah को गिरफ़्तार नहीं किया 6 साल के बाद फाइनल चार्जशीट दाखिल की कहा “कोई आर्थिक अपराध नही हुआ”
इसी मामले में 2020 में ACB और ED ने पर्चा दर्ज किया।
ACB ने… pic.twitter.com/ZigAUpgIit
इस छापेमारी ने दिल्ली की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है और यह साफ कर दिया है कि आगामी दिनों में राजनीति और जांच एजेंसियों के बीच तनाव बढ़ सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का क्या परिणाम होता है और इसकी राजनीति पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ता है।