Delhi Jal Board Scam: ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मामले में शिकंजा बढ़ा दिया है. ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड के टेंडर से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में राउज ऐवन्यू कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर दी है. ईडी ने अपनी चार्जशीट में जगदीश अरोड़ा और अनिल अग्रवाल के करीबी, चार्टर्ड अकाउंटेड तजेंद्र सिंह समेत NBCC के पूर्व अधिकारी देवेंद्र कुमार मित्तल और एक कंपनी NKG को आरोपी बनाया है.
ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड मामले में कुल 8000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें 140 पेज ऑपरेटिव पार्ट है. ईडी ने अपने दस्तावेज में NKG कंपनी को भी आरोपी बनाया है. जानकारी के मुताबिक NBCC के अधिकारी देवेंद्र कुमार मित्तल ने जो सर्टिफिकेट जारी किया है उसी के आधार पर NKG कंपनी को टेंडर मिला था. NKG ने मित्तल के लिए ट्रैवल टिकट बुक किया था.
फर्जी दस्तावेज मुहैया कराने के आरोप
ईडी के मुताबिक NBCC के रिकॉर्ड में NKG के बारे में कोई जानकारी नहीं है. ईडी ने कहा है कि जगदीश अरोड़ा, अनिल अग्रवाल, तजेंद्र सिंह चार्टेड अकाउंटेड हैं जो जगदीश अरोड़ा का करीबी है. मित्तल NBCC के अधिकारी हैं. मित्तल ने NKG कंपनी को फर्जी दस्तावेज मुहैया कराया था. ईडी के मुताबिक दिल्ली जल बोर्ड ने NKG को 38 करोड़ का टेंडर दिया, जिसके 24 करोड़ रुपए पहले जारी किए गए.
टेंडर के बदले रिश्वत देने का आरोप
ईडी का आरोप है कि 38 करोड़ में से शेष 6 करोड़ 36 लाख रुपए वापस किए गए. यह प्रोसीड ऑफ क्राइम है. इसमें से 56 लाख रुपया तजेंद्र सिंह के जरिए जगदीश अरोड़ा को मिला था, 36 करोड़ में से सिर्फ 14 करोड़ रुपये का इस्तेमाल हुआ.
ईडी ने ये भी कहा है कि NKG और इंटीग्रल ग्रुप से पैसे जगदीश अरोड़ा को गया था क्योंकि उनसे ही टेंडर जारी किया था, टेंडर के बदले घूस ली गई थी. ईडी ने कहा कि जगदीश अरोड़ा को कुल 3.19 करोड़ रुपया मिला था जिसमें 56 लाख NKG और शेष इंटीग्रल ग्रुप से मिला था.