Bihar News: राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव से कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाले में ईडी ने 8 घंटे तक पूछताछ की. जांच एजेंसी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत आठ घंटे तक पूछताछ के बाद वह प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय से मंगलवार की शाम को निकल गये. वह अपने पिता और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के इसी मामले में केंद्रीय एजेंसी द्वारा लगभग दस घंटे तक पूछताछ करने के एक दिन बाद जांच एजेंसी के सामने पेश हुए थे. ईडी सूत्रों के अनुसार पूछताछ के अनुसार ईडी के अधिकारियों ने जमीन के बदले नौकरी मामले में करीब 60 सवालों के जवाब मांगे.
जब बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री जांच एजेंसी के कार्यालय से बाहर निकले तो बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ता मौजूद थे. तेजस्वी यादव को उनकी ओर हाथ हिलाते और विजय चिन्ह दिखाया.
8 घंटे तक ईडी ने तेजस्वी यादव से की पूछताछ
वह भारी सुरक्षा तैनाती और बड़ी संख्या में राजद सदस्यों और समर्थकों के बीच सुबह 11.35 बजे प्रवर्तन निदेशालय या ईडी कार्यालय पहुंचे, जिन्होंने तेजस्वी यादव के समर्थन में नारे लगाए.
लालू यादव जब यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे, उस समय यह घोटाला करने का आरोप लगा था. आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह “डी” पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था, जिसके लिए उन्होंने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक संबद्ध कंपनी को हस्तांतरित कर दी थी. यह हस्तांतरण रिश्वत के रूप में की गई थी.
#WATCH | Patna | Former Bihar Deputy CM & RJD leader Tejashwi Yadav waves at his supporters and party workers as he leaves from the ED office after around 8 hours of questioning in land-for-job-scam. pic.twitter.com/mAzs9Wqjfu
— ANI (@ANI) January 30, 2024
ईडी ने पहले कहा था कि एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड इस मामले में कथित तौर पर एक “लाभार्थी कंपनी” है और दक्षिणी दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में इसका पंजीकृत पता था. इसका इस्तेमाल तेजस्वी यादव द्वारा किया जा रहा था.
जमीन के बदले नौकरी देने का लगा है आरोप
केंद्रीय एजेंसी की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो या सीबीआई द्वारा दर्ज एक मामले पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने 2004-2009 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर नियुक्ति के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त थे.
इससे पहले, ईडी ने 10 मार्च, 2023 को तलाशी अभियान चलाया था, जिसके परिणामस्वरूप ₹ 1 करोड़ (लगभग) की नकदी और लगभग ₹ 1.25 करोड़ का कीमती सामान जब्त किया गया था. इसने पिछले साल 29 जुलाई को 6.02 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को भी अस्थायी रूप से कुर्क किया था.