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Delhi Liquor Scam:अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ ED ने दाखिल की चार्जशीट

Delhi Liquor Scam: दिल्ली शराब घोटाले में ईडी ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी ने दावा किया था कि वह इस मामले में AAP

दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दी गई याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने यह दावा किया था कि दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मामले में वह आज ही आम आदमी पार्टी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी। केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में  200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई है। इस मामले में अबतक कुल 8 चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है इनमें एक मेन और 7 सप्लीमेंट्री चार्जशीट है। 

केजरीवाल मास्टरमाइंड

सूत्रों के मुताबिक ED ने चार्जशीट में कहा है कि मनीष सिसोदिया और के कविता के साथ अरविंद केजरीवाल भी इस केस के मास्टरमाइंड हैं। ईडी ने इस चार्जशीट में आम आदमी पार्टी को आरोपी के तौर पर नामित किया है। पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी राजनीतिक दल को मनी लॉन्ड्रिंग जांच में आरोपी के तौर पर नामित किया गया है।

गोवा चुनाव में पैसे का इस्तेमाल किया

सूत्रों के मुताबिक ED ने कहा है कि पीएमएलए की धारा 70 के तहत AAP कंपनी के रूप में मुकदमा चलाने के लिए उत्तरदायी है। ईडी का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग की जांच से पता चलता है कि इस अपराध से प्राप्त आय का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने अपने गोवा चुनाव अभियान के लिए किया। आम आदमी पार्टी ने गोवा चुनाव प्रचार में 45 करोड़ रुपये खर्च किए।

सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सुनवाई

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान एएसजी वी राजू ने दावा किया कि हवाला के जरिए पार्टी को पैसा भेजा गया।  वहीं सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि अगर  आपके पास सबूत हैं...लेकिन आम तौर पर जांच अधिकारी को तब तक गिरफ़्तारी नहीं करनी चाहिए जब तक उसके पास 'दोषी' साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत न हों। यही मानक होना चाहिए।

केजरीवा को दो जून को करना है सरेंडर

ईडी ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को 21 दिनों की अंतरिम जमानत दे दी। उन्हें 2 जून को सरेंडर करना है। अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए केजरीवाल की ओर से यह याचिका दाखिल की गई है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। अदालत ने अगर केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध पाया तो फिर उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा। वहीं अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा।

हवाला ट्रांसफर के सबूत

जस्टिस खन्ना ने कहा कि ईडी का कहना है कि उनके पास आंध्र प्रदेश से लेकर गोवा चुनावों में हवाला ट्रांसफर के सबूत हैं। इस पर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी के आधार में ये कोई सबूत नहीं है। वहीं एएसजी राजू ने सिंघवी के जवाब पर आपत्ति जताई।

गिरफ्तारी नहीं की जा सकती: सिंघवी

सिंघवी ने कहा कि जब केजरीवाल को गिरफ़्तार किया गया था, तब ईडी के पास जो भी सामग्री थी, वह जुलाई-अगस्त 2023 से पहले की थी। मोहम्मद जुबैर और प्रबीर पुरकायस्थ पर  सुप्रीम कोर्ट के फैसले में इसी पर फोकस है। सिंघवी ने कहा कि स्वतंत्रता का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण मूल अधिकार है। किसी भी तरह का उल्लंघन करने का प्रयास नहीं होना चाहिए । गिरफ्तारी के आधार के बारे में सूचित किए जाने का अधिकार अनुच्छेद 21 से आता है। केवल यह कि चार्जशीट दाखिल कर दिया गया है.. गिरफ्तारी नहीं की जा सकती।

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