WFI New President: भारतीय कुश्ती संघ यानी WFI के चुनाव में संजय कुमार सिंह को नए अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। बता दें कि संजय कुमार सिंह को WFI के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को बेहद खास माना जाता है। अब संजय सिंह अपनी जीत के बाद बृजभूषण सिंह से मिलने पहुंचे। पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने भी संजय सिंह की जीत को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय कुश्ती पर लगा ग्रहण अब जल्द ही समाप्त होने वाला है।
कुश्ती पर से ग्रहण हटा- बृजभूषण सिंह
WFI के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने उनके सहयोगी संजय सिंह की जीत पर कहा है यह मेरी व्यक्तिगत जीत नहीं है, यह देश के पहलवानों की जीत है। मुझे उम्मीद है कि नए महासंघ के गठन के बाद कुश्ती प्रतियोगिताएं फिर से शुरू होंगी। उन्होंने कहा कि 11 महीनों से कुश्ती पर जो ग्रहण लगा था वो अब हटने जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं जीत का श्रेय देश के पहलवानों और WFI के सचिव को देना चाहता हूं। मुझे उम्मीद है कि नई फेडरेशन के गठन के बाद कुश्ती प्रतियोगिताएं फिर से शुरू होंगी।'
#WATCH WFI के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कहा, "मैं जीत का श्रेय देश के पहलवानों और WFI के सचिव को देना चाहता हूं...मुझे उम्मीद है कि नई फेडरेशन के गठन के बाद कुश्ती प्रतियोगिताएं फिर से शुरू होंगी।' pic.twitter.com/l16nrhnf9B
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 21, 2023
दबदबा है और दबदबा रहेगा
बृजभूषण सिंह के सहयोगी संजय सिंह की जीत को उन पहलवानों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है कि जिन्होंने बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। हालांकि, संजय सिंह की जीत के बाद माना जा रहा है कि कुश्ती संघ में बृजभूषण का दबदबा अब भी कायम है। बृजभूषण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण सिंह ने भी पिता के समर्थन में पोस्टर लहराया है। पोस्टर पर लिखा है- "दबदबा तो है-दबदबा तो रहेगा, यह तो भगवान ने दे रखा है।"
साक्षी मलिक, विनेश ने जताया दुख
संजय सिंह के WFI अध्यक्ष बनने पर बृजभूषण शरण सिंहके खिलाफ प्रदर्शन करने वाले पहलवानों ने दुख जताया है। हम 40 दिनों तक सड़कों पर सोए और देश के कई हिस्सों से बहुत सारे लोग हमारा समर्थन करने आए। अगर बृजभूषण सिंह के बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी को WFI का अध्यक्ष चुना जाता है, तो मैं कुश्ती छोड़ दूंगी। इसके बाद साक्षी मलिक रो भी पड़ीं। वहीं, विनेश फोगाट ने कहा कि उम्मीदें बहुत कम हैं लेकिन हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा। यह दुखद है कि कुश्ती का भविष्य अंधकार में है। हम अपना दुख किससे कहें।