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India-Bangladesh Relation:क्या बांग्लादेश ने भारत से रिश्ते बिगाड़ कर लिखी बर्बादी की स्क्रिप्ट?

India-Bangladesh Relation: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार जिस तरह व्यवहार कर रही है, उससे प्रतीत होता है कि बांग्लादेश भारत से अपने रिश्ते तोड़ता जा रहा है. यह भारत

India-Bangladesh Relation: हाल के महीनों में बांग्लादेश, जो कभी वैश्विक कपड़ा उद्योग में अग्रणी स्थान रखता था, अब एक संकटपूर्ण दौर से गुजर रहा है। यह संकट न केवल उसकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रहा है, बल्कि उसके सामाजिक और राजनीतिक ढांचे को भी बदल रहा है।

कभी शिखर पर था बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग

एक समय था जब अमेरिका, कनाडा, और यूरोप के बाजारों में ‘मेड इन बांग्लादेश’ के टैग वाले कपड़े छाए रहते थे। बांग्लादेश के बुनकरों के अद्वितीय कौशल और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों ने उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। लेकिन अब यह उद्योग अस्थिरता और राजनीतिक संकटों के कारण प्रभावित हो रहा है।

राजनीतिक अस्थिरता और धार्मिक उग्रवाद का उदय

5 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद के सत्ता छोड़ने के बाद, बांग्लादेश में स्थिति तेज़ी से बदलने लगी। छात्र आंदोलनों के माध्यम से कट्टरपंथी ताकतों ने सरकार पर नियंत्रण स्थापित कर लिया। इन तत्वों ने न केवल राजनीतिक व्यवस्था को प्रभावित किया, बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर हिंदुओं के लिए खतरा बढ़ा दिया।

भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में खटास

बांग्लादेश की भौगोलिक स्थिति उसे भारत पर निर्भर बनाती है। तीन तरफ से भारत से घिरे इस देश के लिए भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना अनिवार्य है। लेकिन कट्टरपंथी ताकतों के प्रभाव में, भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है।

  • आयात-निर्यात पर असर: भारत से चीनी, कपास, और पालतू पशु जैसे उत्पादों का आयात बंद कर दिया गया है।
  • समुद्री रास्ते का उपयोग: पाकिस्तान के साथ समुद्री व्यापार संबंध स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन इसका रूट लंबा और खर्चीला है।

शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत पर हमला

बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान, जिन्होंने पाकिस्तान की क्रूर सत्ता के खिलाफ लड़ाई लड़ी, उनकी विरासत को व्यवस्थित रूप से मिटाया जा रहा है। नए नोटों से उनका फोटो हटा दिया गया है और 'जॉय बांग्ला' जैसे राष्ट्रीय नारे पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

पाकिस्तान से बढ़ती नजदीकियां

बांग्लादेश अब पाकिस्तान के साथ अपने संबंध प्रगाढ़ कर रहा है।

  • पाकिस्तानी व्यापार का प्रभाव: कराची से चटगांव तक मालवाहक जहाजों का आना-जाना शुरू हो गया है।
  • परमाणु सहयोग की संभावना: पाकिस्तान के साथ परमाणु समझौते की संभावना पर विचार किया जा रहा है, जो भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

आर्थिक संकट और खाद्य सुरक्षा का खतरा

बांग्लादेश में खाद्य पदार्थों की भारी कमी है। प्याज, आलू, और चावल जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भारत से होती थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने इन आयातों को रोक दिया है। अगर यह स्थिति जारी रहती है, तो देश में भुखमरी का संकट उत्पन्न हो सकता है।

भारत के बिना बांग्लादेश की राह मुश्किल

भारत के साथ दूरी बांग्लादेश के लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकती है।

  1. भौगोलिक निर्भरता: बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था और व्यापार भारत के साथ सहयोग पर आधारित है।
  2. पश्चिमी प्रतिबंधों का खतरा: यदि बांग्लादेश पाकिस्तान के साथ परमाणु समझौता करता है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।

बांग्लादेश के भविष्य का सवाल

बांग्लादेश का वर्तमान परिदृश्य उसके अस्तित्व के लिए गंभीर प्रश्न खड़े करता है। कट्टरपंथी सोच, भारत से कटु संबंध, और पाकिस्तान पर निर्भरता उसके विकास को बाधित कर सकती है। बांग्लादेश के लिए यह आवश्यक है कि वह अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करे और शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत से प्रेरणा लेकर प्रगतिशील और समावेशी भविष्य का निर्माण करे।

निष्कर्ष
बांग्लादेश का भारत से दूर जाना और पाकिस्तान की ओर झुकाव न केवल उसके लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए हानिकारक हो सकता है। यह समय बांग्लादेश के लिए सही निर्णय लेने और अपने सामाजिक-आर्थिक ढांचे को सुदृढ़ करने का है।

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