Union Budget 2025: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करने जा रही हैं। इसके लिए विभिन्न सेक्टर्स के प्रतिनिधि उनसे मुलाकात कर अपनी-अपनी मांगें रख रहे हैं। इस सिलसिले में रत्न और आभूषण उद्योग ने सरकार से कई अहम सुझाव दिए हैं, जिनका उद्देश्य उद्योग की समस्याओं का समाधान करना और उसके विकास में तेजी लाना है।
जीएसटी घटाने की मांग
अखिल भारतीय रत्न और आभूषण घरेलू परिषद (GJC) के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने बयान जारी करते हुए कहा कि मौजूदा 3% की दर से लागू जीएसटी उद्योग पर भारी पड़ रही है। उन्होंने इसे घटाकर 1% करने की अपील की है। उनका मानना है कि इससे न केवल उद्योग की लागत घटेगी, बल्कि ग्राहकों, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, आभूषणों की खरीद क्षमता बढ़ेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी दर कम होने से उद्योग में अनुपालन (compliance) में सुधार होगा और औपचारिक अर्थव्यवस्था का दायरा बढ़ेगा। इससे सरकार के राजस्व संग्रह में भी वृद्धि की संभावना है।
सोने की कीमतों में कमी का सुझाव
सोने की बढ़ती कीमतों ने आभूषण उद्योग के साथ-साथ ग्राहकों के लिए चिंता बढ़ा दी है। इस मुद्दे को हल करने के लिए GJC ने सरकार से आग्रह किया है कि स्वर्ण मौद्रीकरण योजना (Gold Monetization Scheme) को और प्रभावी बनाया जाए। इससे घरेलू स्तर पर अनुपयोगी सोने को अर्थव्यवस्था में लाया जा सकेगा, जिससे देश को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी और आयात पर निर्भरता घटेगी।
प्रयोगशाला निर्मित हीरों के लिए रियायत
GJC ने प्रयोगशाला में निर्मित हीरों पर विशेष रूप से रियायती जीएसटी दर की मांग की है। उनका कहना है कि ये हीरे प्राकृतिक हीरों के टिकाऊ और किफायती विकल्प हो सकते हैं। ऐसे में एक प्रोत्साहन योजना से इनकी मांग को बढ़ावा मिलेगा और उद्योग को नई संभावनाओं के साथ आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
विशेष मंत्रालय और ईएमआई विकल्प की मांग
परिषद ने आभूषण उद्योग के लिए एक समर्पित मंत्रालय स्थापित करने की अपील की है। साथ ही, उन्होंने राज्यवार नोडल कार्यालय और एक केंद्रीय मंत्री नियुक्त करने का भी सुझाव दिया है। इसके अतिरिक्त, आभूषण खरीद के लिए ईएमआई (किश्तों में भुगतान) की सुविधा देने की पुरानी मांग को भी दोहराया गया है।
वित्त मंत्री से मिले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी केंद्रीय बजट को लेकर वित्त मंत्री सीतारमण से मुलाकात की। नॉर्थ ब्लॉक में हुई यह बैठक करीब 30 मिनट तक चली। मुख्यमंत्री ने राज्य से संबंधित बजटीय प्राथमिकताओं पर चर्चा की। उमर अब्दुल्ला और वित्त मंत्री की दो महीने के भीतर यह दूसरी मुलाकात है।
विभिन्न पक्षों से विचार-विमर्श जारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट तैयारियों के तहत विभिन्न उद्योगों, राज्यों और हितधारकों के साथ लगातार बैठकें कर रही हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बजट में हर क्षेत्र की आवश्यकताओं और चुनौतियों को ध्यान में रखा जाए।
निष्कर्ष
रत्न और आभूषण उद्योग ने बजट को लेकर अपने सुझाव प्रस्तुत किए हैं, जो टैक्स युक्तिकरण, स्वर्ण मौद्रीकरण, और ग्राहक-सुविधाओं पर केंद्रित हैं। अब देखना यह है कि आगामी बजट में इन मांगों को किस हद तक स्थान मिलता है। यह उद्योग के भविष्य और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।