Weather Update: दिल्ली में बीते कुछ दिनों से सुबह के वक्त कोहरा छाने से शहर में ठंड बढ़ती जा रही है। रविवार की सुबह सड़कों पर हल्का कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता प्रभावित हुई। इस दौरान हवा की रफ्तार 3 किलोमीटर प्रति घंटे तक रही। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान था।
हालांकि, सोमवार को मौसम का मिजाज बदल सकता है। आसमान में बादल छाने और बारिश के आसार हैं। साथ ही, ठंडी हवाओं के कारण ठंड में और वृद्धि की संभावना है। न्यूनतम तापमान गिरकर 7 या 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। मंगलवार और बुधवार को कोहरा फिर से वापस आ सकता है, जिससे 24 दिसंबर को घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। वाहन चालकों को सुरक्षित और धीमी गति से गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है।
उत्तर भारत में व्यापक प्रभाव
हिमाचल और जम्मू-कश्मीर
हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 22 से 24 दिसंबर के बीच हल्की बर्फबारी और बारिश हो सकती है। ठंड के इस मौसम में इन क्षेत्रों में पर्यटन का आकर्षण भी बढ़ जाता है।
उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश
26 दिसंबर से एक नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि के आसार हैं। 27 और 28 दिसंबर को पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में गरज के साथ बारिश और ओले गिरने की संभावना है।
कश्मीर में भीषण ठंड और ‘चिल्लई-कलां’
कश्मीर में ठंड ने अपना चरम रूप दिखाना शुरू कर दिया है। शनिवार को न्यूनतम तापमान माइनस 8.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इस महीने का सबसे ठंडा दिन 13 दिसंबर को दर्ज किया गया, जब श्रीनगर का तापमान माइनस 12.8 डिग्री सेल्सियस रहा। भीषण ठंड के कारण झीलें और जलाशय जम गए हैं, जिससे पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है।
‘चिल्लई-कलां’ की शुरुआत हो चुकी है, जो 40 दिनों तक चलने वाला कड़ाके की ठंड का समय होता है। इस दौरान भारी बर्फबारी की संभावना होती है। यह सर्द मौसम 31 जनवरी 2025 को समाप्त होगा, लेकिन इससे पहले कश्मीर घाटी में जीवनशैली पूरी तरह बदलने की उम्मीद है।
सावधानियां और तैयारी
- दिल्ली में कोहरे के कारण सड़क दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। वाहन चालकों को विशेष सतर्कता बरतने और धीमी गति से गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है।
- हिमाचल और कश्मीर जाने वाले पर्यटकों को बर्फबारी के दौरान सुरक्षित यात्रा के लिए पूरी तैयारी करनी चाहिए।
- ओलावृष्टि प्रभावित राज्यों के किसान अपनी फसल को बचाने के लिए उचित कदम उठाएं।
इस सर्दी का मौसम उत्तर भारत के लिए केवल ठंड ही नहीं, बल्कि कई रूपों में चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। सावधानी और तैयारी से इन प्राकृतिक परिवर्तनों का सामना किया जा सकता है।