Haryana Election 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं, और मतदान की तारीख नजदीक आ रही है। राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होना है, जबकि 8 अक्टूबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस बीच, हरियाणा कांग्रेस में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। पार्टी ने शुक्रवार को अपने 13 नेताओं को अनुशासनहीनता के चलते 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इन नेताओं ने पार्टी द्वारा आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था, जो पार्टी के अनुशासन के खिलाफ था।
कांग्रेस का बड़ा कदम: 13 बागियों पर कार्रवाई
हरियाणा कांग्रेस की राज्य इकाई ने उन 13 नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की, जो पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने इन नेताओं के निष्कासन की घोषणा की। जिन नेताओं को निष्कासित किया गया है, उनमें नरेश धांडे (गुहला अनुसूचित जाति सुरक्षित सीट), प्रदीप गिल (जींद), सज्जन सिंह ढुल और सुनीता बट्टन (पुंडरी), राजीव मामूराम गोंदर और दयाल सिंह सिरोही (नीलोखेड़ी-एससी सुरक्षित), विजय जैन (पानीपत ग्रामीण), दिलबाग सांडिल (उचाना कलां), अजीत फोगाट (दादरी), अभिजीत सिंह (भिवानी), सतबीर रतेरा (बवानी खेड़ा-एससी सुरक्षित), नीटू मान (पृथला), और अनीता ढुल बड़सीकरी (कलायत) शामिल हैं।
टिकट न मिलने से बढ़ी नाराजगी
कई कांग्रेस नेता विधानसभा चुनाव के लिए टिकट न मिलने से नाराज थे। यह नाराजगी कुछ हद तक पार्टी द्वारा बातचीत के बाद दूर कर दी गई, लेकिन कुछ नेताओं ने बागी रुख अपनाया और निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। इस कदम ने कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं, जिस कारण पार्टी ने सख्त अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए इन्हें निष्कासित कर दिया।
पार्टी ने हालांकि, कुछ नेताओं की नाराजगी दूर करने में सफलता पाई। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री संपत सिंह ने नलवा सीट से नामांकन भरने के बाद अपना नाम वापस ले लिया। इसी तरह, राम किशन ‘फौजी’ ने भी बवानी खेड़ा सीट से अपना नाम वापस ले लिया। अंबाला सिटी से कांग्रेस के उम्मीदवार निर्मल सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायक जसबीर मलौर ने भी अपनी उम्मीदवारी वापस ली है। निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा, जो अंबाला कैंट सीट से चुनाव लड़ रही हैं, के खिलाफ पहले ही पार्टी ने कार्रवाई की थी।
कांग्रेस का अनुशासन बनाए रखने का प्रयास
कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले यह कड़ा कदम उठाकर यह संदेश दिया है कि पार्टी अनुशासनहीनता को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी। पार्टी की रणनीति यह सुनिश्चित करने की है कि चुनावी प्रक्रिया में एकजुटता और अनुशासन बना रहे, ताकि वे चुनावी मैदान में मजबूती से उतर सकें।
हरियाणा में चुनावी माहौल दिन-प्रतिदिन गर्म होता जा रहा है, और इस तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। पार्टी अब पूरी तरह से चुनाव पर ध्यान केंद्रित कर रही है और इसे एकजुट होकर लड़ने की दिशा में काम कर रही है।