Jharkhand Election 2024:BJP के 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे पर CM हेमंत सोरेन ने किया पलटवार, जानें क्या कहा

09:07 AM Nov 10, 2024 | zoomnews.in

Jharkhand Election 2024: झारखंड में विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है और सभी राजनीतिक दलों ने अपने चुनाव प्रचार अभियान को तेजी से आगे बढ़ाया है। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्षी पार्टी बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। शनिवार को राजधानी रांची स्थित अपने आवासीय कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए सोरेन ने बीजेपी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर तीखा हमला किया। उन्होंने दावा किया कि इस बार झारखंड की जनता बीजेपी को हार का स्वाद चखाने के लिए तैयार है।

बीजेपी पर तीखा हमला

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी के नारे पर पलटवार करते हुए कहा, “यहां ना तो कोई बंटेगा और ना ही बंटने देगा। पर चुनाव में बीजेपी जरूर कूटी जाएगी।” सोरेन का यह बयान स्पष्ट रूप से चुनावी प्रतिस्पर्धा के प्रति उनकी दृढ़ता को दर्शाता है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वे झारखंड की सामाजिक एकता को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जनता उनके विभाजनकारी एजेंडे को सफल नहीं होने देगी।

आयकर विभाग की छापेमारी पर भी जताई नाराजगी

चुनावी माहौल के बीच, शनिवार को आयकर विभाग ने झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक करीबी सहयोगी सहित नौ स्थानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी को लेकर भी सोरेन ने बीजेपी पर निशाना साधा और इसे राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, “आयकर विभाग का यह अभियान पूरी तरह से बीजेपी के राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है। वे जानते हैं कि जनता उन्हें जवाब देने के लिए तैयार है, और इसी डर के कारण वे इस तरह की कारवाई कर रहे हैं।”

बीजेपी ने बताया छापेमारी को कानूनी कार्रवाई

इस बीच, बीजेपी ने भी जवाबी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आयकर विभाग की कार्रवाई पूरी तरह से कानून के तहत की जा रही है और इसका उद्देश्य कर चोरी पर लगाम लगाना है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार को छिपाने की कोशिश कर रही है और बीजेपी पर निराधार आरोप लगा रही है।

बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा, "आयकर विभाग का यह कदम पूरी तरह कानूनी है, और इसमें किसी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है। अगर झारखंड सरकार बेदाग है तो उन्हें इस जांच का समर्थन करना चाहिए।"

चुनावी माहौल में बढ़ती गरमा-गरमी

विधानसभा चुनाव के निकट आते ही राज्य का माहौल गर्म होता जा रहा है। जहां एक ओर हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी जेएमएम राज्य के विकास, आदिवासी अधिकारों और सामाजिक एकता के मुद्दों पर जोर दे रही है, वहीं बीजेपी भी अपने विकास के एजेंडे और भ्रष्टाचार विरोधी अभियान पर ध्यान केंद्रित कर रही है। दोनों पार्टियों के बीच चुनावी जंग काफी तीव्र होती दिख रही है।

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी चुनावों में हेमंत सोरेन और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर होने वाली है। हेमंत सोरेन का बीजेपी पर इस तरह का हमला उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है, जो पिछले चुनावों में उनके अच्छे प्रदर्शन और जनता के समर्थन से मिला है। हालांकि, बीजेपी भी राज्य में सत्ता में वापसी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

निष्कर्ष

झारखंड में इस बार के विधानसभा चुनाव न सिर्फ राज्य की राजनीतिक दिशा तय करेंगे, बल्कि यह भी स्पष्ट करेंगे कि जनता के लिए सामाजिक एकता, विकास और पारदर्शिता के मुद्दे कितने महत्वपूर्ण हैं। चुनावी अभियान के दौरान जिस तरह के बयान दिए जा रहे हैं, उससे साफ है कि झारखंड की जनता के बीच इन मुद्दों की चर्चा जोरों पर है।