Israel-Hezbollah War: मध्य-पूर्व में एक बार फिर से भय और अस्थिरता का माहौल बन गया है। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच छिड़े व्यापक संघर्ष ने मिडिल-ईस्ट के कई देशों को हिला कर रख दिया है। हाल ही में इजरायल ने हिजबुल्लाह पर भीषण हमला करते हुए उसके 300 से ज्यादा ठिकानों को नष्ट कर दिया है, और इन हमलों में कम से कम 100 लोग मारे गए हैं। इजरायल की इस कार्रवाई का जवाब देने के लिए हिजबुल्लाह ने भी कड़ा पलटवार किया, जिसने इजरायल के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों को बुरी तरह झकझोर कर रख दिया है।
संघर्ष की पृष्ठभूमि
इस तनाव की शुरुआत तब हुई जब लेबनान में पेजर ब्लास्ट और वॉकी-टॉकी धमाकों के तुरंत बाद, इजरायल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमला किया। इसके जवाब में, हिजबुल्लाह ने येरूशलम पर विनाशकारी प्रहार किए, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि उसकी गंभीरता का अंदाजा खुद इजरायली सेना को भी नहीं था। हिजबुल्लाह के हमलों ने इजरायल के कई प्रमुख शहरों में भय पैदा कर दिया, जहां धमाकों से लगी आग ने ऊंची-ऊंची इमारतों को राख में बदल दिया।
इजरायली सेना की प्रतिक्रिया
इजरायल ने हिजबुल्लाह के हमलों के जवाब में उत्तरी लेबनान के उन इलाकों को खाली करने की चेतावनी दी है, जहां हिजबुल्लाह ने अपने हथियार जमा कर रखे हैं। इजरायली सेना ने कहा है कि वह आतंकवादी समूह के खिलाफ व्यापक हमले कर रही है। पिछले एक साल से सीमा पर छिटपुट संघर्ष हो रहा था, लेकिन रविवार को भारी गोलीबारी के बाद पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है।
बदले की कार्यवाही
इजरायल के एक हमले में हिजबुल्लाह के एक शीर्ष कमांडर और कई लड़ाकों के मारे जाने के बाद, हिजबुल्लाह ने बदले की कार्रवाई करते हुए इजरायल के उत्तरी हिस्से पर 100 से अधिक रॉकेट, मिसाइल और ड्रोन दागे थे। इससे स्थिति और अधिक जटिल हो गई, और दोनों पक्षों के बीच युद्ध की आशंका प्रबल हो गई है।
मिडिल-ईस्ट में हड़कंप
इस संघर्ष से पूरे मिडिल-ईस्ट में तनाव बढ़ गया है, क्योंकि इजरायल पहले से ही गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ संघर्ष में उलझा हुआ है। हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई के प्रयास भी चल रहे हैं। हिजबुल्लाह, जो ईरान समर्थित है, ने हमास और फिलिस्तीनियों के समर्थन में अपने हमलों को जारी रखने का संकल्प जताया है, जिससे इजरायल के लिए दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ने की चुनौती खड़ी हो गई है।
आगे की स्थिति
इजरायल के सैन्य अधिकारी ने जानकारी दी है कि फिलहाल उनकी सेना हवाई अभियानों पर ध्यान केंद्रित कर रही है और अभी जमीनी हमला करने की तत्काल कोई योजना नहीं है। इजरायली सेना का मुख्य उद्देश्य हिजबुल्लाह की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना है, ताकि वह भविष्य में इजरायल पर बड़े हमले न कर सके।
मिडिल-ईस्ट में इस संघर्ष ने पहले से ही अस्थिर हालातों को और विकट बना दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है, और यह देखना बाकी है कि यह टकराव किस दिशा में आगे बढ़ेगा।
निष्कर्ष: इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच यह संघर्ष केवल दो पक्षों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ सकता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में इस युद्ध की दिशा क्या होती है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय कैसे इस संकट को नियंत्रित करने का प्रयास करता है।