Bhupesh Baghel News: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर और भिलाई स्थित आवासों सहित कई स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी के आवासीय परिसरों तक भी पहुंची। हालांकि, सीबीआई ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह छापेमारी किस विशेष मामले के तहत की जा रही है।
छापेमारी की पृष्ठभूमि
इससे पहले भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में भूपेश बघेल के आवास पर छापेमारी की थी। ईडी ने 10 मार्च को उनके बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के तहत भिलाई में उनके आवास पर तलाशी ली थी। साथ ही, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चैतन्य बघेल के कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल सहित 13 अन्य स्थानों पर भी कार्रवाई की गई थी।
भूपेश बघेल के कार्यालय की प्रतिक्रिया
इस छापेमारी को लेकर भूपेश बघेल के कार्यालय ने बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री बुधवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) द्वारा गठित प्रारूप समिति की बैठक के लिए दिल्ली जाने वाले थे। इससे ठीक पहले सीबीआई की टीम उनके रायपुर और भिलाई स्थित आवासों पर पहुंच गई।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और संभावित प्रभाव
इस छापेमारी के राजनीतिक प्रभाव को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में 15 सदस्यीय मसौदा समिति का गठन किया है, जिसमें भूपेश बघेल को शामिल किया गया है। इस समिति में छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट और संयोजक के रूप में रणदीप सुरजेवाला भी शामिल हैं। ऐसे में, छापेमारी को राजनीतिक रूप से भी देखा जा रहा है।
आगे की संभावनाएं
विशेषज्ञों के अनुसार, यह जांच आने वाले समय में और विस्तृत हो सकती है। सीबीआई की यह कार्रवाई ईडी की पिछली जांचों से जुड़ी हो सकती है या किसी अन्य मामले से संबंधित हो सकती है। अब सभी की नजरें सीबीआई की आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं।