Byju-BCCI News: एडटेक कंपनी बायजू के प्रमोटर ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से कहा है कि उसने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के बकाया भुगतान को लेकर शेयर बिक्री के जरिये 159 करोड़ रुपए जुटाये हैं. अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने कहा कि वह बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई जारी रखेगा और थिंक एंड लर्न प्राइवेट लि. के अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) को दो अगस्त तक कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) का गठन नहीं करने का निर्देश भी दिया. थिंक एंड लर्न प्राइवेट लि. बायजू ब्रांड के तहत परिचालन करती है.
हेराफेरी का है आरोप
एनसीएलएटी की चेन्नई पीठ ने बुधवार को कंपनी की अमेरिका आधारित कर्जदाता इकाई के बायजू के संस्थापक द्वारा पैसे की हेराफेरी का आरोप लगाया था. उसके बाद अपीलीय न्यायाधिकरण ने बायजू और बीसीसीआई के बीच समझौते पर अपना फैसला टाल दिया. इस बीच, रवींद्रन बायजू और कंपनी के अन्य निलंबित प्रमोटर्स की तरफ से पेश वकीलों ने बृहस्पतिवार को एनसीएलएटी को एक हलफनामा सौंपा. इसमें बीसीसीआई को भुगतान किए जाने वाले 158.9 करोड़ रुपए के स्रोत की जानकारी दी गई.
प्रमोटर्स ने हेराफेरी के आरोपों को खारिज करते हुए प्राधिकरण के समक्ष कहा कि बीसीसीआई को भुगतान की जाने वाली राशि इस साल की शुरुआत में थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिम. के शेयरों की बिक्री से जुटायी गयी है और उस पर उचित कर कर भुगतान किया गया है. प्रमोटर्स के वकील ने अपीलीय न्यायाधिकरण से कहा कि अगर दिवाला प्रक्रिया शुरू की गई तो कंपनी बंद हो जाएगी. एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि दलीलें अभी भी जारी हैं लेकिन अदालत का समय खत्म हो गया है. मामले को कल (शुक्रवार) दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में फिर से सूचीबद्ध करें. कल तक कर्जदाताओं की समिति का गठन नहीं किया जाएगा.
प्रमोटर्स को करना होगा ये काम
अपीलीय न्यायाधिकरण ने प्रमोटर्स को कल तक अपनी दलीलें पूरी करने को भी कहा. इसके बाद वह अपना आदेश सुनाएगा. कार्यवाही के दौरान बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन के भाई और कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारकों में से एक, रिजू रवींद्रन की ओर से पेश हरि ने हलफनामा दायर किया. वकील ने कहा कि रिजू फिलहाल लंदन में हैं.
हलफनामे में कहा गया है कि 30 जुलाई को बीसीसीआई के साथ 158 करोड़ रुपए के भुगतान पर समझौता हुआ है. इसमें से 50 करोड़ रुपए का भुगतान पहले ही किया जा चुका है और 25 करोड़ रुपए का भुगतान दो अगस्त को किया जाना है. शेष 83 करोड़ रुपए का भुगतान नौ अगस्त से पहले किया जाएगा. इसके लिए आईसीआईसीआई बैंक का आगे की तिथि का एक चेक दिया जाएगा. कर्ज देने वाली अमेरिकी इकाई गैस ट्रस्ट एलएलसी ने आरोप लगाया कि यह पैसा हेराफेरी कर लाया गया है. अमेरिकी इकाई 8,000 करोड़ रुपए के कर्ज के चूक का दावा कर रही है.