Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ में आज यानी मंगलवार को मेयर का चुनाव हुआ, जिसमें बीजेपी ने जीत हासिल की. मनोज सोनकर को चंडीगढ़ का नया मेयर चुना गया है. उन्होंने आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को शिकस्त दी. बीजेपी के खाते में 16 वोट आए तो इंडिया गठबंधन के खाते में 12 वोट आए. 8 वोट रद्द हुए हैं. जो वोट रद्द हुए वो इंडिया गठबंधन की पार्टियां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के हैं. इंडिया गठबंधन के पास 20 की संख्या थी, उनको सिर्फ 12 वोट पड़े हैं और 8 वोट कैंसिल हुए हैं. आम आदमी पार्टी और कांग्रेसी आरोप लगा रहे हैं कि प्रेसिडिंग ऑफिसर ने काउंटिंग के दौरान एजेंट को आगे नहीं आने दिया और इस दौरान पेन से कुछ मार्किंग किया, जिसके बाद वोटों को कैंसिल किया है.
आप और कांग्रेस के पार्षदों द्वारा बीजेपी पर प्रेसिडिंग ऑफिसर से मिली भगत करके वोट रद्द करवाने का आरोप लगाया जा रहा है. इनका कहना है कि जब प्रेजेंटिंग ऑफिसर ने बैलट बॉक्स को खोल तब उन्होंने जो इंडिया एयरलाइंस का मेयर पद के उम्मीदवार के एजेंट को आगे नहीं आने दिया और इसी वजह से उनके वोटों के साथ छेड़खानी की गई, उनको कैंसिल किया गया.
आम चुनावों से पहले पहली लड़ाई
बता दें कि आम चुनाव से पहले एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच यह पहला टकराव था. कड़ी सुरक्षा के बीच ये चुनाव हुआ. चंडीगढ़ नगर निगम की सुरक्षा के लिए तीन-स्तरीय बैरिकेड लगाए गए थे. नगर निगम बिल्डिंग के आसपास ट्रिपल लेयर सुरक्षा का बंदोबस्त किया गया. चुनाव के दौरान 800 जवान तैनात रहे. चंडीगढ़ पुलिस के 600 जवान, ITPB और रैपिड एक्शन फोर्स के 100100 मुलाजिमों की तैनात रही.
पहले ये चुनाव 18 जनवरी को होना था, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह की बीमारी के कारण 6 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया था. हालांकि, इस कदम का कांग्रेस और आप पार्षदों ने विरोध किया. 35 सदस्यीय नगर निगम सदन में आप और कांग्रेस गठबंधन के पास कुल मिलाकर 20 वोट थे, जो बीजेपी के 15 वोटों के लिए कड़ी चुनौती पेश कर रहे थे. इसमें 14 पार्षद और सांसद किरण खेर के अतिरिक्त वोट शामिल है.
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने अपने 24 जनवरी के आदेश में चंडीगढ़ प्रशासन को आज मेयर चुनाव कराने का निर्देश दिया था. अदालत ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की आवश्यकता पर जोर दिया. आप-कांग्रेस गठबंधन ने रणनीतिक रूप से विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों को नामांकित किया था. आम आदमी पार्टी की ओर से कुलदीप कुमार मेयर पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे, जबकि कांग्रेस सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए उम्मीदवार उतारी.
आप-कांग्रेस गठबंधन बीजेपी के आठ साल के शासन को तोड़ना चाहता था. कांग्रेस ने 2022 और 2023 में मतदान में हिस्सा नहीं लिया था. उन चुनावों में बीजेपी की जीत हुई थी. मेयर पद के लिए चुनाव प्रक्रिया गुप्त मतदान के माध्यम से आयोजित की जाती है. इस बार के चुनाव में मेयर की सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित थी. सीनियर डिप्टी मेयर पद पर बीजेपी के कुलजीत संधू का मुकाबला कांग्रेस के गुरप्रीत सिंह गबी से था, जबकि डिप्टी मेयर पद पर बीजेपी के राजिंदर शर्मा और कांग्रेस की निर्मला देवी के बीच मुकाबला रहा.