Parliament Monsoon Session: केंद्र सरकार ने संसद में साफ कर दिया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता. मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में एक लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी कहा कि पहले राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) की ओर से कुछ राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा दिया गया था, लेकिन उसके पीछे कई आधार थे. एनडीसी की ओर से राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा कई विशेषताओं के आधार पर दिया गया था, जिन पर विशेष विचार करने की जरूरत थी.
अपने लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने बताया है कि जिन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है उनमें पहाड़ी और कठिन भूभाग, कम जनसंख्या घनत्व या फिर आदिवासी आबादी का बड़ा हिस्सा, पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान, आर्थिक और बुनियादी ढांचे के मामले में पिछड़ापन और राज्य के वित्त की गैर-व्यवहार्य प्रकृति शामिल हैं. इसी आधार पर कुछ राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है.
अंतर-मंत्रालयी समूह की रिपोर्ट का भी जिक्र
उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए बिहार के अनुरोध पर एक अंतर-मंत्रालयी समूह (IMG) ने विचार किया था, जिसने 30 मार्च, 2012 को अपनी रिपोर्ट भी पेश कर दी थी. आईएमजी इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर, बिहार के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा का मामला नहीं बनता है.
जेडीयू नेता बोले- बिहार को बहुत कुछ मिलेगा
संसद में सरकार के लिखित जवाब पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं. जेडीयू नेता संजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा है कि बिहार को विशेष दर्जा नहीं मिल सकता है, लेकिन नीतीश कुमार ने कहा है की आने वाले दिनों में बिहार को केंद्र से बहुत कुछ मिलेगा. बिहार सरकार में मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि आने वाले समय को बिहार की यह मांग जरूर पूरी होगी. बीजेपी कोटे से मंत्री नीरज बबलू ने ने कहा कि केंद्र सरकार का बिहार पर विशेष ध्यान है.
आरजेडी ने जेडीयू पर बोला हमला
वहीं, आरजेडी के विधायक आलोक मेहता ने कहा कि जदयू हमेशा बिहार को विशेष दर्जे की राजनीति करता रहा है. अब केंद्र ने नीतीश की मांग खारिज कर दी है तो जदयू नेताओं को केंद्र सरकार से इस्तीफा दे देना चाहिए. नीतीश कुमार को एनडीए से अलग हो जाना चाहिए.
कैसे मिलता है विशेष राज्य का दर्जा?
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के लिखित जवाब में कहा गया है कि विशेष राज्य का दर्जा हासिल करने के लिए पांच परिस्थितियां हैं।
- 1. पहाड़ी और कठिन इलाका
- 2. कम जनसंख्या घनत्व या आदिवासी आबादी की बड़ी संख्या
- 3.पड़ोसी देशों के साथ सीमा पर अहम रणनीति स्थिति
- 4. आर्थिक पिछड़ापन और मूलभूत सुविधाओं की कमी
- 5. राज्य में वित्त की अव्यवहार्य प्रकृति
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के लिखित जवाब में कहा गया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा न देने का फैसला इन पांचों कारकों को ध्यान में रखते हुए राज्य की विशिष्ट स्थिति पर अलग से विचार करने के बाद लिया गया। इससे पहले, विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए बिहार के अनुरोध पर एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) ने विचार किया था, जिसने 30 मार्च, 2012 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। आईएमजी इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे का मामला नहीं बनता है।