Modi Government: मोदी सरकार ने सोमवार को 1,435 करोड़ रुपये की पैन 2.0 परियोजना की घोषणा की। इस परियोजना का उद्देश्य स्थायी खाता संख्या (पैन) को सरकारी एजेंसियों के सभी डिजिटल सिस्टम के लिए सामान्य कारोबारी पहचानकर्ता बनाना है। यह पहल भारत के डिजिटल इंडिया अभियान को गति देने और व्यापार प्रक्रियाओं को सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी गई। यह आयकर विभाग द्वारा तैयार की गई एक ई-गवर्नेंस परियोजना है, जो टैक्सपेयर्स के लिए सेवाओं को बेहतर, तेज़ और सुलभ बनाने की दिशा में कार्य करेगी।
पैन 2.0 परियोजना: क्या है खास?
पैन 2.0 परियोजना का मुख्य उद्देश्य टैक्सपेयर्स के लिए टेक्नोलॉजी आधारित सेवाओं को उन्नत करना है।
- डिजिटल पहचानकर्ता: यह परियोजना पैन को सरकारी एजेंसियों के डिजिटल सिस्टम्स में एक सामान्य पहचानकर्ता के रूप में इस्तेमाल करने में सक्षम बनाएगी।
- व्यावसायिक प्रक्रिया में सुधार: पैन/टैन सेवाओं और टैक्सपेयर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रियाओं को फिर से डिज़ाइन किया जाएगा, जिससे सेवाएं अधिक तेज़ और सटीक होंगी।
- तकनीकी एकीकरण: मौजूदा पैन/टैन 1.0 ढांचे को उन्नत करते हुए यह नई प्रणाली पैन वेरिफिकेशन सेवा को भी एकीकृत करेगी।
वर्तमान में, देश में 78 करोड़ पैन जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से 98% पैन व्यक्तिगत स्तर पर हैं। यह परियोजना इन आंकड़ों को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगी।
डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम
इस परियोजना के तहत पैन को व्यापक रूप से उपयोगी बनाया जाएगा। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, पैन 2.0 "टैक्सपेयर रजिस्ट्रेशन सर्विस में टेक्नोलॉजी ड्रिवेन ट्रांसफॉर्मेशन" को सक्षम बनाएगी। यह पहल डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य नागरिकों और व्यापारियों को त्वरित और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करना है।
अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अटल इनोवेशन मिशन (AIM) को भी 31 मार्च 2028 तक जारी रखने की मंजूरी दी है।
- बजट: AIM 2.0 के लिए 2,750 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
- दायरा बढ़ा: AIM 2.0 में अटल टिंकरिंग लैब्स और अटल इनक्यूबेशन सेंटर्स की मौजूदा उपलब्धियों को और अधिक सशक्त बनाया जाएगा।
- दृष्टिकोण में बदलाव: AIM का दूसरा चरण नवाचार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार है। इसमें केंद्र-राज्य सरकारों, उद्योग, शिक्षा और समुदाय के समन्वय से नयी पहलें शामिल होंगी।
क्या बदल जाएगा?
पैन 2.0 और AIM 2.0 जैसी परियोजनाएं भारत को डिजिटल और नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेंगी।
- कारोबार की सुलभता: पैन 2.0 के जरिए सभी सरकारी एजेंसियों के डिजिटल सिस्टम में एकरूपता आएगी।
- स्टार्टअप्स और इनोवेशन को बढ़ावा: AIM 2.0 देश के स्टार्टअप और नवाचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार करेगा।
- डिजिटल अनुभव में सुधार: पैन 2.0 टैक्सपेयर्स को बेहतर डिजिटल अनुभव प्रदान करेगा, जिससे प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और तीव्रता बढ़ेगी।
निष्कर्ष
पैन 2.0 और अटल इनोवेशन मिशन 2.0 जैसी परियोजनाएं न केवल भारत को एक डिजिटल सुपरपावर बनाने की दिशा में काम करेंगी, बल्कि देश के नागरिकों और व्यापारियों के लिए सेवाओं को अधिक सुलभ, तेज़ और पारदर्शी भी बनाएंगी। यह सरकार की डिजिटल और नवाचार आधारित दृष्टि को साकार करने का महत्वपूर्ण प्रयास है।