Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ी हलचल देखने को मिल रही है। सूत्रों के मुताबिक, रविवार शाम चार बजे महाराष्ट्र सरकार का बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार होगा। इस विस्तार को लेकर दो प्रस्ताव तैयार किए गए हैं।
पहले प्रस्ताव के तहत लगभग 30 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है, जबकि दूसरे प्रस्ताव में यह संख्या घटकर 18-20 विधायकों तक सीमित हो सकती है।
पहला प्रस्ताव:
इस प्रस्ताव के अनुसार, 30 विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे। इसमें पार्टियों का प्रतिनिधित्व कुछ इस प्रकार हो सकता है:
- भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी): 15 मंत्री
- शिंदे गुट (शिवसेना): 8 मंत्री
- अजीत पवार गुट (एनसीपी): 7 मंत्री
दूसरा प्रस्ताव:
इस प्रस्ताव में केवल 18-20 विधायकों को शामिल करने की योजना है। इस स्थिति में दलों का प्रतिनिधित्व इस प्रकार हो सकता है:
- बीजेपी: 10 मंत्री
- शिंदे गुट: 4-5 मंत्री
- अजीत पवार गुट: 4-5 मंत्री
मंत्रिपरिषद का कुल आकार
महाराष्ट्र सरकार की मंत्रिपरिषद की कुल संख्या 43 तक हो सकती है।
- बीजेपी कोटे से: 21 मंत्री
- शिंदे गुट कोटे से: 12 मंत्री
- अजीत पवार गुट कोटे से: 10 मंत्री
बीजेपी से संभावित चेहरे
बीजेपी के संभावित मंत्रियों में अनुभवी और नई पीढ़ी के नेताओं का मिश्रण देखने को मिल सकता है। इनमें शामिल हो सकते हैं:
- चंद्रशेखर बावनकुले (नागपुर, ओबीसी)
- सुधीर मुनगंटीवार (चंद्रपुर, कोमटी जाति)
- राधाकृष्ण विखे पाटिल (अहमदनगर, मराठा)
- गिरीश महाजन (जामनेर, ओबीसी)
- चंद्रकांत पाटिल (पुणे, मराठा)
- मंगल प्रभात लोढ़ा (मुंबई, मारवाड़ी)
- पंकजा मुंडे (मराठवाड़ा, ओबीसी)
- नीतेश राणे (कोंकण, मराठा)
शिंदे गुट से संभावित चेहरे
शिवसेना (शिंदे गुट) से संभावित मंत्री:
- उदय सामंत (रत्नागिरी, मराठा)
- शंभुराजे देसाई (पाटन, मराठा)
- दादा भूसे (मालेगांव, मराठा)
- गुलाबराव पाटिल (जलगांव, ओबीसी)
- संजय शिरसाठ (औरंगाबाद, दलित)
अजीत पवार गुट से संभावित चेहरे
एनसीपी से संभावित नाम:
- छगन भुजबल (येवला, ओबीसी)
- आदिती तटकरे (रायगढ़, ओबीसी)
- संजय बनसोडे (लातूर, दलित)
- नरहरी झिरवाल (नासिक, आदिवासी)
युवा और नए चेहरों पर जोर
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के पास तीनों दलों की संभावित मंत्रियों की सूची भेजी गई है। यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व बेदाग और युवा चेहरों को प्राथमिकता देने के पक्ष में है। इस फैसले से कुछ वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं का पत्ता कट सकता है।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र की राजनीति में यह कैबिनेट विस्तार अहम बदलाव लेकर आ सकता है। वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच संतुलन बनाते हुए सरकार के प्रदर्शन और छवि को बेहतर बनाने की कोशिश की जाएगी। अब सबकी निगाहें रविवार शाम पर टिकी हैं, जब इस बहुप्रतीक्षित विस्तार की तस्वीर साफ होगी।