Delhi Politics: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पार्टी अधिकारियों ने रविवार को जानकारी दी। लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में उन सभी बातों का जिक्र किया है, जिसके खिलाफ थे। उन्होंने ये भी बताया है कि वो दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन के खिलाफ थे।
AAP के साथ गठबंधन का फैसला
अरविंदर सिंह लवली ने अपने इस्तीफे में लिखा, "दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।" उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली में कांग्रेस को केवल तीन ही सीटें दी गईं। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि इन तीनों सीटों में दो सीटें बाहरी व्यक्तियों को दी गई।
Arvinder Singh Lovely resigns from the position of Delhi Congress president.
— ANI (@ANI) April 28, 2024
"The Delhi Congress Unit was against an alliance with a Party which was formed on the sole basis of leveling false, fabricated and malafide corruption charges against the Congress Party. Despite that,… https://t.co/Y1A360fuut pic.twitter.com/hLP9RtnzUE
कन्हैया और उदित राज पर निशाना
दिल्ली की दो सीटों पर बाहरी व्यक्ति को लेकर अरविंदर सिंह लवली का निशाना कन्हैया कुमार और उदित राज पर था। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के ऐलान से पहले सूचित नहीं किया गया। लवली ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता की नियुक्ति से रोका गया। इस तरह के कई कारण हैं, जिसके चलते उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उत्तर-पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है, तो वहीं उत्तरी पश्चिमी दिल्ली से उदित राज को टिकट दिया है।
कांग्रेस प्रभारी को लेकर नाराजगी
अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे की एक बड़ी वजह दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया को लेकर नाराजगी भी है। पिछले दिनों संदीप दीक्षित ने दीपक बावरिया की बैठक में कन्हैया कुमार को टिकट दिए जाने का विरोध किया था। इसके बाद उदित राज को लेकर हुई बैठक में पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान ने विरोध किया था। इसके बाद राजकुमार चौहान ने इस्तीफा दे दिया था और और इस्तीफा देने की वजह दीपक बावरिया को बताया था।