Banking Rules 2025: देशभर में 1 अप्रैल 2025 से बैंकिंग से जुड़े कई नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं, जो आपके सेविंग्स अकाउंट, क्रेडिट कार्ड और एटीएम ट्रांजैक्शन पर सीधा असर डाल सकते हैं। यदि आप इन बदलावों को पहले से जान लेंगे, तो आप संभावित नुकसान से बच सकते हैं। आइए जानते हैं कि इन नए नियमों से आपकी बैंकिंग कैसे प्रभावित होगी।
बैंकिंग नियमों में बदलाव
ATM इंटरचेंज फीस में बढ़ोतरी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को ATM इंटरचेंज फीस में बढ़ोतरी करने की अनुमति दी है। अब होम बैंक नेटवर्क के बाहर ATM से ट्रांजैक्शन करना महंगा पड़ेगा।
पहले एटीएम से कैश विड्रॉल करने पर ₹17 शुल्क लगता था, अब यह बढ़कर ₹19 हो गया है।
Trending :बैलेंस चेक करने पर पहले ₹6 देना पड़ता था, अब यह बढ़कर ₹7 हो गया है।
डिजिटल बैंकिंग में सुधार
डिजिटल बैंकिंग को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए नए फीचर्स जोड़े जा रहे हैं:
बैंक अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित चैटबॉट पेश कर रहे हैं, जिससे ग्राहक को त्वरित सहायता मिलेगी।
डिजिटल लेन-देन को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन लागू किया जाएगा।
मिनिमम बैलेंस के नियमों में बदलाव
SBI, पंजाब नेशनल बैंक और केनरा बैंक जैसे कई प्रमुख बैंकों ने मिनिमम बैलेंस की आवश्यकताओं में बदलाव किया है।
यह नया नियम खाते के भौगोलिक क्षेत्र (शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण) पर निर्भर करेगा।
यदि खाते में निर्धारित न्यूनतम राशि नहीं रखी गई, तो जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
ब्याज दरों में बदलाव
अब सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज दर खाता बैलेंस के अनुसार तय होगी। यानी, जितना अधिक बैलेंस होगा, उतना ही अधिक ब्याज मिलेगा।
कई बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में भी संशोधन कर सकते हैं।
कैसे करें तैयारी?
ATM ट्रांजैक्शन की संख्या सीमित करें – अतिरिक्त शुल्क से बचने के लिए डिजिटल बैंकिंग और UPI का उपयोग करें।
मिनिमम बैलेंस की जानकारी लें – अपने बैंक से संपर्क करें और नए नियमों के अनुसार अपने खाते को मैनेज करें।
डिजिटल बैंकिंग सिक्योरिटी बढ़ाएं – अपने नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग को सुरक्षित करने के लिए मजबूत पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें।
ब्याज दरों की तुलना करें – यदि आप एफडी निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो विभिन्न बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करें।