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Bangladesh Crisis:बांग्लादेश जिस काम में चीन को टक्कर देता था, वो भी डूबा! बचे ये विकल्प

Bangladesh Crisis: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं, लेकिन सरकार को जनता के मुद्दों से ज्यादा राजनीति में दिलचस्पी है. ऐसा लग रहा है मानो

Bangladesh Crisis: बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग, जो पिछले तीन दशकों में देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य स्तंभ बना हुआ था, अब गंभीर संकट का सामना कर रहा है। शेख हसीना की सरकार के नेतृत्व में, बांग्लादेश ने न केवल अपनी अर्थव्यवस्था को बदलने में सफलता हासिल की थी, बल्कि यह चीन जैसे विशालकाय देश को भी चुनौती देने की स्थिति में था। हालांकि, वर्तमान में सरकार की नीतियों और निर्णयों के कारण इस उद्योग को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

कपड़ा उद्योग पर संकट के बादल

बांग्लादेश के कपड़ा उद्योग ने देश की तकदीर बदलने में अहम भूमिका निभाई है। इस उद्योग की मदद से बांग्लादेश ने अपनी अर्थव्यवस्था को निर्यात पर निर्भर किया और 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के गारमेंट एक्सपोर्ट का लक्ष्य रखा था। लेकिन मौजूदा हालात में यह लक्ष्य हासिल करना बेहद कठिन दिखाई दे रहा है। कपड़ा उद्योग देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसके निर्यात में वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा और स्थानीय चुनौतियों का मिश्रण देखने को मिल रहा है।

राजनीतिक अस्थिरता का प्रभाव

मोहम्मद यूनुस की सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों ने कट्टरपंथियों और इस्लामवादियों को खुश करने का काम किया है, लेकिन ये फैसले आम जनता और देश की भलाई के लिए नहीं हैं। इसी कारण कपड़ा उद्योग को एक गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है। उद्योगपतियों को अब उम्मीद है कि यदि सरकार समय रहते उचित नीतियों का क्रियान्वयन करती है, तो 2030 का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

चीन से प्रतिस्पर्धा

वर्तमान में, चीन गारमेंट एक्सपोर्ट में विश्व का सबसे बड़ा देश है। 2023-24 में चीन का टेक्सटाइल और अपैरल एक्सपोर्ट 30 हजार करोड़ डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। जबकि बांग्लादेश ने इसी अवधि में 3600 करोड़ डॉलर का निर्यात किया। हालांकि, बांग्लादेश ने चीन के बाद दूसरे स्थान पर अपनी जगह बना रखी है, लेकिन उसे घरेलू समस्याओं के कारण गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

घरेलू चुनौतियाँ

बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग घरेलू समस्याओं से बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। बिजली संकट और गैस की आपूर्ति की कमी ने इस उद्योग की गति को धीमा कर दिया है। उद्योगपतियों को सरकार से नीति समर्थन की जरूरत है ताकि उत्पादन और सुरक्षा की समस्याओं का समाधान किया जा सके। इसके अलावा, खराब व्यापार और निवेश माहौल भी एक बड़ी चुनौती है, जिससे वैश्विक स्तर पर बांग्लादेश के कपड़ा उद्योग पर भरोसा कम हो रहा है।

भविष्य की संभावनाएँ

हालांकि, बांग्लादेश गारमेंट मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोटर्स एसोसिएशन (BGMEA) के पूर्व अध्यक्ष फारूक हसन का मानना है कि खरीददार बांग्लादेश की ओर लौट रहे हैं, जिससे उम्मीद की किरण दिखती है। लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि सरकार बिजली और गैस सप्लाई को दुरुस्त करे और स्थिर राजनीतिक वातावरण सुनिश्चित करे।

निष्कर्ष

बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग वर्तमान में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन यदि समय पर सही कदम उठाए जाते हैं, तो यह उद्योग पुनर्जीवित हो सकता है। बांग्लादेश के लिए यह आवश्यक है कि वह अपनी नीतियों और संरचनाओं को सही दिशा में ले जाए ताकि 2030 के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। यह न केवल देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके साथ ही लाखों श्रमिकों के भविष्य का भी सवाल है।

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