India-Bangladesh News: बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मुहम्मद युनूस बीते कुछ दिनों से भारत के प्रति विशेष रुचि दिखा रहे हैं। वह जानते हैं कि भारत के साथ संबंध बिगाड़कर अधिक समय तक स्थिरता बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। इसी कारण वे बैंकॉक में आयोजित होने वाली BIMSTEC समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करना चाहते हैं, लेकिन भारत की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इसके अलावा, युनूस चीन की यात्रा से पहले भारत आना चाहते थे, मगर उन्हें अपेक्षित सम्मान नहीं मिला।
पीएम मोदी ने बांग्लादेश को दी शुभकामनाएं
हालांकि, इन परिस्थितियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के नेशनल डे के अवसर पर मुहम्मद युनूस को पत्र लिखकर शुभकामनाएं दी हैं। इस पत्र में उन्होंने 1971 के मुक्ति संग्राम की भावना को भारत-बांग्लादेश संबंधों के लिए मार्गदर्शक बताया है। मोदी ने अपने पत्र में लिखा कि यह भावना दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बना रही है और उनके नागरिकों को ठोस लाभ पहुंचा रही है।
क्या लिखा पीएम मोदी ने?
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि भारत और बांग्लादेश शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे की चिंताओं और हितों के प्रति संवेदनशील बने रहना चाहिए।
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद हसीना भारत आ गईं, और युनूस ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार का पदभार संभाला।
BIMSTEC समिट में होगी मुलाकात?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुहम्मद युनूस 3-4 अप्रैल को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में होने वाली BIMSTEC समिट में भाग लेने वाले हैं। युनूस पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करना चाहते हैं, लेकिन भारत की ओर से अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसदीय समिति को सूचित किया था कि बांग्लादेश की इस अपील पर विचार किया जा रहा है।
युनूस का भारत दौरा और चीन यात्रा
युनूस चीन की यात्रा पर हैं, लेकिन उन्होंने पहले भारत आने की इच्छा जताई थी। उनके प्रेस सचिव शफीकुल आलम के अनुसार, दिसंबर 2024 में ही भारतीय पक्ष को युनूस की भारत यात्रा की इच्छा के बारे में सूचित कर दिया गया था, लेकिन उन्हें कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। युनूस पिछले चार महीनों में चीन जाने वाले दक्षिण एशिया के दूसरे नेता हैं। इससे पहले नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली दिसंबर 2024 में चार दिवसीय दौरे पर चीन गए थे।
भारत का बांग्लादेश को लेकर रुख
भारत इस समय बांग्लादेश को अधिक प्राथमिकता देने के मूड में नहीं दिख रहा है। विदेश मंत्रालय ने संसद की एक समिति को बताया कि बांग्लादेश सरकार ने अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर उचित कदम नहीं उठाए हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि शेख हसीना सरकार गिरने के बाद हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा की गंभीरता को भी कम करके पेश किया गया है। इसके अलावा, बांग्लादेश में इस्लामी शासन की विचारधारा को बढ़ावा देने वाले चरमपंथी समूह राजनीतिक अस्थिरता का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।