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WFI New President:पीएम आवास के बाहर बजरंग पुनिया ने छोड़ा अपना पद्म श्री पुरस्कार, WFI के उपाध्यक्ष ने दिया ये बयान

WFI New President: ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने कल पीएम आवास के बाहर अपना पद्म श्री पुरस्कार छोड़ दिया। बजरंग पुनिया के इस कदम के बाद खेल जगत में सरगर्मियां तेज हो गई हैं।

WFI New President: ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने कल पीएम आवास के बाहर अपना पद्म श्री पुरस्कार छोड़ दिया। बजरंग पुनिया के इस कदम के बाद खेल जगत में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। पुनिया के इस कदम के बाद भारतीय कुश्ती संघ के नव निर्वाचित वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेंद्र कादियान ने कहा कि जो भी हुआ वह एक दुर्भाग्यपूर्ण कदम है। बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक हमारे देश के स्टार खिलाड़ी हैं, जिन्होंने हमारे देश का मान सम्मान विदेशों में बढ़ाया। पहलवानों के इस कदम से मैं और खेल जगत आहत है।

बजरंग पुनिया पर देवेंद्र कादियान ने क्या कहा?

पहलवान के इस कदम पर भारतीय कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष देवेंद्र कादियान ने कहा कि बजरंग पुनिया मेरा छोटा भाई है। कल मैं और बजरंग साथ दिल्ली से सोनीपत लौटे, लेकिन मुझे अंदाजा नहीं था कि वो ऐसा कदम उठा सकते हैं। उसको इतना हताश होने की जरूरत नहीं थी। उसे ये फैसला सोच समझ कर लेना चाहिए था। हालांकि इस दौरान बृजभूषण शरण पर लगे आरोपों पर कादियान कुछ भी बोलने से मना कर गए। उन्होंने कहा कि इस विवाद को यहीं छोड़कर देश की जनता और मीडिया को कुश्ती के उत्थान की बात करनी चाहिए। इस विवाद को खत्म करने के लिए पूरा भारतीय कुश्ती संघ कदम उठाएगा। इसके लिए जल्द ही कोई मीटिंग बुलाई जाएगी। कुश्ती को आगे बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा। 

कर्तव्य पथ के पास फुटपाथ पर रखा पद्म श्री

दरअसल, बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में अपना पद्म श्री मध्य दिल्ली में कर्तव्य पथ के पास फुटपाथ पर रख दिया और कहा कि वह अब ये पदक घर वापस नहीं ले जाएंगे। बता दें कि बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे। इस दौरान पुनिया ने कहा, "हम अपनी बेटियों और बहनों के लिए लड़ रहे थे। मैं उन्हें न्याय नहीं दिला सका। इसके कारण, मुझे लगता है कि मैं इस सम्मान के लायक नहीं हूं। मैं यहां अपना पुरस्कार लौटाने आया था, हालांकि, मैं नहीं मिल सका पीएम के साथ क्योंकि मेरे पास अपॉइंटमेंट नहीं था। पीएम का कार्यक्रम व्यस्त है। इसलिए मैं अपना पुरस्कार पीएम को लिखे पत्र पर रख रहा हूं। मैं यह पदक अपने घर नहीं ले जाऊंगा।" 

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