Maharashtra News: मुंबई से सटे बदलापुर में दो नाबालिक बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस हिरासत में मौत हो गई है। ट्रांजिट रिमांड पर ले जाते समय उसे गोली लगी थी और अक्षय को गंभीर हालत में शिवाजी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गया था, जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। कलवा शिवाजी अस्पताल में आरोपी मृतक अक्षय की बॉडी मौजूद है। यहीं पर उसका पोस्ट मॉर्टम होगा। आरोपी अक्षय के अलावा एक पुलिसकर्मी को भी गोली लगी, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल पुलिसकर्मी को ज्यूपिटर अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है।
अगस्त के महीने में बदलापुर के एक स्कूल में दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। इस मामले में आरोपी सफाईकर्मी अक्षय शिंदे था। लड़कियों के माता-पिता की शिकायत पर भी स्कूल ने तेजी से कार्रवाई नहीं की थी और पुलिस ने भी शुरुआत में सुस्ती दिखाई थी। हालांकि, लोगों के प्रदर्शन के बाद मामले ने तूल पकड़ा और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
इस मामले में उन लोगों को भी आरोपी बनाया गया था, जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी ठीक तरीके से नहीं निभाई। अब मुख्य आरोपी को गोली लगी और गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला
13 अगस्त, 2024 को बदलापुर के एक स्कूल में दो बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था. इस मामले में, स्कूल के ही सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे को आरोपी बताया गया था और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में लोगों में आक्रोश था और बदलापुर रेलवे स्टेशन पर भारी हंगामा हुआ था. यौन शोषण की घटना सामने आने के बाद हजारों की भीड़ यहां के लोकल ट्रेन के रेलवे ट्रैक पर उतर आई थी जिसके बाद पत्थर बाजी की घटना सामने आई थी. भीड़ ने 20 अगस्त को पहले स्कूल में तोड़फोड़ की थी फिर सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक बदलापुर स्टेशन पर प्रदर्शन किया था जिसकी तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थीं. लोगों के रेलवे ट्रैक पर उतरने के दौरान लगभग 10 घंटों से ज्यादा लोकल ट्रेनों की आवाजाही रुकी रही थी. शाम को पुलिस ने लाठीचार्ज कर रेलवे ट्रैक खाली कराया था.
नौ घंटे तक रुकी रही थी ट्रेन सेवा
बदलापुर रेलवे स्टेशन पर पुलिस के बार-बार अनुरोध के बावजूद प्रदर्शनकारी अपना आंदोलन खत्म करने को तैयार नहीं थे. प्रदर्शनकारियों ने करीब नौ घंटे तक ट्रेन सेवा बंद रखी. मंत्री गिरीश महाजन खुद रेलवे स्टेशन आए. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से आंदोलन समाप्त करने का अनुरोध किया. गिरीश महाजन ने अपील की कि आरोपियों को कड़ी सजा दी जाएगी, लेकिन फिर भी प्रदर्शनकारी वहां से नहीं हटे. इसके बाद आखिरकार पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा.
शिंदे सरकार ने तेजी से लिया एक्शन
मामले के सामने आने और लोगों के बीच आक्रोश देखकर मामले में तुरंत एक्शन भी लिया गया था. स्कूल की संबंधित प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया गया. साथ ही, बच्चों की देखभाल करने वाले दो नौकरों को भी बर्खास्त कर दिया गया. इसके अलावा, थाने में शिकायत के बाद मामला दर्ज न करने को लेकर पुलिस निरीक्षकों का ट्रांसफर तक किया गया था, साथ ही संस्थान प्रबंधकों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए थे. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की थी कि आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और फास्ट ट्रैक कोर्ट में तत्काल मुकदमा चलाने का आदेश दिया था.
कैसे लगी गोली?
अब तक यह साफ नहीं हुआ है कि अक्षय को गोली लगी कैसे? कुछ लोगों का कहना है कि ट्रांजिट रिमांड पर ले जाते समय आरोपी ने वैन में पुलिसकर्मी की बंदूक छीनी और आत्महत्या का प्रयास किया। इस दौरान उसके साथ एक पुलिसकर्मी को भी गोली लग गई और दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि आरोपी ने पुलिस की बंदूक छीनी और पुलिस पर तीन राउंड फायर किया। इसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की और आरोपी को गोली लगी।
पूर्व पत्नी ने दर्ज कराया था अप्राकृतिक यौन संबंध का मामला
अक्षय शिंदे पर उसकी पूर्व पत्नी ने आप्राकृतिक यौनाचार का मामला दर्ज कराया था और इसकी जांच थाणे क्राइम ब्रांच कर रही थी। इसी जांच के सिलसिले में रविवार को कोर्ट से अक्षय शिंदे का प्रोडक्शन वारंट लिया गया था। इसके बाद थाणे क्राइम ब्रांच की टीम अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से लेकर बदलापुर जा रही थी, लेकिन मुंब्रा बायपास के आसपास अक्षय शिंदे ने एक अफसर के रिवाल्वर छीनकर फायरिंग की। इसी दौरान उसे गोली लगी। गंभीर हालत में उसे ठाणे के कलवा अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।