Israel-Iran War: ईरान और इजराइल के बीच तनाव अब अपने चरम पर है। खबरें हैं कि ईरान इजराइल पर 4,000 मिसाइलों से हमला कर सकता है। यह संघर्ष अब केवल एक प्रतिशोधात्मक हमले तक सीमित नहीं है, बल्कि एक महायुद्ध का संकेत दे रहा है, जिसमें अमेरिका, रूस और मिडिल ईस्ट के अन्य देशों की भी भूमिका नजर आ रही है। इजराइल अपने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के घर पर हुए हमले का बदला लेने के लिए पूरी तरह तैयार है और उसने ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करने की कसम खाई है।
खुफिया रिपोर्ट: 4,000 मिसाइलों का खतरा
पेंटागन की एक सीक्रेट रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने इजराइल पर हमले का आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ट्रू प्रॉमिस थ्री नामक योजना के तहत इजराइल पर मिसाइल हमला कर सकता है। इसी दौरान इजराइल में भी हमले की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इजराइली कैबिनेट ने ईरान पर हमले की मंजूरी दी है, और नेतन्याहू ने इस बार का अभियान केवल बदले तक सीमित न रखकर ईरान के परमाणु ठिकानों को पूरी तरह तबाह करने का संकल्प लिया है।
अमेरिका का सहयोग: अत्याधुनिक बम और मिसाइल डिफेंस सिस्टम
अमेरिका ने इजराइल को GBU-43/B, जिसे "मदर ऑफ ऑल बम्स" कहा जाता है, और GBU-57 जैसे बंकर-बस्टर बम दिए हैं। ये बम भूमिगत परमाणु ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम हैं। GBU-43/B का विस्फोट 11 टन TNT के बराबर है, जबकि GBU-57 का विस्फोट 2,400 किलो TNT के बराबर है। इन बमों का लक्ष्य ईरान के परमाणु कारखानों को पूरी तरह खत्म करना है, जो गहराई में स्थित हैं। इसके अलावा, अमेरिका ने थाड एयर डिफेंस सिस्टम और F-35S फाइटर जेट भी इजराइल को दिए हैं, जिससे इजराइल की सुरक्षा कई गुना बढ़ गई है।
ईरान का जवाब और रूस का समर्थन
दूसरी ओर, रूस का समर्थन ईरान के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा है। रूस ने ईरान में S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात किया है, जो मिसाइल हमलों से बचाव में सक्षम है। इस जटिल परिस्थिति में अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपने 65,000 सैनिकों को भी तैनात कर रखा है। ऐसे में युद्ध का यह क्षेत्र बहुत ही संवेदनशील हो चुका है, और इसके परिणाम का असर केवल इन दोनों देशों पर नहीं, बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा।
इजराइल की बढ़ती तैयारियां और नई भर्ती
इजराइल अब बड़े पैमाने पर सैनिकों की भर्ती की तैयारी में है। लेबनान में पहले से जारी ग्राउंड ऑपरेशन और ईरान की संभावित हमलावर स्थिति के मद्देनजर, इजराइल के रक्षा विभाग ने अतिरिक्त सैनिकों की आवश्यकता महसूस की है। इजराइल ने अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं, और अमेरिका की ओर से मिलने वाली समर्थन की वजह से उसकी स्थिति और भी मजबूत हुई है।
महायुद्ध के आसार और वैश्विक समीकरण
ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव ने मिडिल ईस्ट में स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा उत्पन्न कर दिया है। एक तरफ, अमेरिका और इजराइल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खतरे के रूप में देख रहे हैं, जबकि दूसरी ओर, रूस मिडिल ईस्ट में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए ईरान को समर्थन दे रहा है। ईरान की क्षमता और उसकी रणनीतिक तैयारी को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि अगर यह संघर्ष युद्ध में बदलता है, तो इसका असर केवल इन दोनों देशों तक सीमित नहीं रहेगा।
इन परिस्थितियों में दुनिया को केवल मिडिल ईस्ट में नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक नए शक्ति संतुलन के लिए तैयार होना पड़ेगा।