Baloch Attack Pak: पाकिस्तान में एक बार फिर एक बड़े आतंकी हमले की खबर सामने आई है। इस बार बलूच आतंकियों ने पाकिस्तान सेना को अपना निशाना बनाया है। यह हमला भारत में हुए पुलवामा हमले से काफी मिलता-जुलता बताया जा रहा है। बलूचिस्तान के नोश्की में सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला किया गया, जिसमें सात बसें और दो कारें शामिल थीं। पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, इस हमले में 5 जवानों की मौत हो गई है और 13 जवान घायल हुए हैं। वहीं, बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने दावा किया है कि इस हमले में लगभग 90 सैनिक मारे गए हैं।
हमले का तरीका और नुकसान
एक पाकिस्तानी अधिकारी के अनुसार, "एक बस को व्हीकल बॉर्न इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (VBIED) से निशाना बनाया गया, जो संभवतः एक आत्मघाती हमला था, जबकि दूसरी बस को क्वेटा से ताफ्तान जाते समय रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) से निशाना बनाया गया।" हमले में घायल सैनिकों को इलाज के लिए नोश्की और फ्रंटियर कोर (FC) कैंप ले जाया गया है।
नोश्की के SHO सुमालानी ने बताया कि मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
बलूच लिबरेशन आर्मी का दावा
हमले के बाद बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने बयान जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली। बयान में कहा गया कि "BLA की फिदायी इकाई मजीद ब्रिगेड ने कुछ घंटे पहले नोश्की में आरसीडी हाईवे पर रखशान मिल के पास वीबीआईईडी फिदायी हमले के जरिए पाकिस्तानी सेना के काफिले को निशाना बनाया। काफिले में कुल आठ बसें थीं, जिनमें से एक विस्फोट में पूरी तरह नष्ट हो गई।"
BLA के अनुसार, हमले के तुरंत बाद उनके "फतेह दस्ते" ने एक और बस को घेर लिया और उसमें मौजूद सभी सैन्य कर्मियों को मार गिराया। संगठन के अनुसार, इस हमले में कुल 90 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए।
पाकिस्तान में बढ़ती अशांति
यह हमला पाकिस्तान में हाल ही में बढ़ती अशांति का संकेत देता है। बलूचिस्तान में लंबे समय से अलगाववादी गुट सक्रिय हैं, जो पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ हथियार उठाए हुए हैं। इस हमले ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और संभावित प्रभाव
इस हमले के बाद पाकिस्तान सरकार और सेना की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस हमले की निंदा की जा सकती है।
बलूचिस्तान में बढ़ती हिंसा पाकिस्तान के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। इस क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में पाकिस्तान सरकार क्या कदम उठाती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।