Lok Sabha Elections: मायावती ने मन नहीं बदला. वे अभी भी अपने पुराने स्टैंड पर हैं. न एनडीए में और न ही इंडिया गठबंधन में. बीएसपी अध्यक्ष मायावती अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेंगी. अपने बर्थ डे पर उन्होंने इसकी घोषणा की. इसके बाद से ही समाजवादी पार्टी नेताओं का जोश हाई है. अखिलेश यादव के लोग मन ही मन बड़े खुश हैं. वे नहीं चाहते थे कि गठबंधन में बीएसपी की एंट्री हो. कांग्रेस वाले दो नावों पर सवारी करना चाहते थे. पार्टी के कई नेता मायावती से गठबंधन की अपील कर रहे थे. मायावती के इनकार के बाद भी कुछ नेता आस लगाए हैं. बीएसपी के अकेले लड़ने पर यूपी में विपक्ष के वोटों का बंटवारा हो सकता है.
राहुल गांधी इन दिनों भारत न्याय यात्रा पर हैं. पर उनकी टीम के लोग काम पर लग गए हैं. इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर होमवर्क जारी है. यूपी में लोकसभा की सबसे अधिक 80 सीटें हैं. लेकिन सीटों के तालमेल पर कोई काम नहीं हो पाया है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की मीटिंग 12 जनवरी को दिल्ली में तय थी. लेकिन अचानक कैंसिल कर दी गई. वो भी बैठक से पांच घंटे पहले. कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि उनके नेता दूसरे काम में बिजी हैं. समाजवादी पार्टी के नेताओं ने बताया कांग्रेस ने होमवर्क ही नहीं किया था. कांग्रेस के मन में तब मायावती से गठबंधन की प्लानिंग चल रही थी. कांग्रेस जानबूझ कर समाजवादी पार्टी से बातचीत लटकाए रखना चाहती थी. उन्हें मायावती के कैंप से गुड न्यूज की उम्मीद थी. ऐसा नहीं हुआ.
दोनों पार्टियों में क्या हुई बात?
मायावती के मना करते ही कांग्रेस की तरफ से समाजवादी पार्टी को फोन आ गया. ये बताया गया कि 17 जनवरी को हम मीटिंग करना चाहते हैं. दिल्ली में ये बैठक तय की गई है. सीटों के बंटवारे पर समाजवादी पार्टी जल्द से जल्द फार्मूला तय करना चाहती है. अखिलेश यादव तो हर हाल में इसी महीने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर देने के मूड में हैं. समाजवादी पार्टी कम से कम 60 सीटों पर लड़ना चाहती है. आरएलडी की डिमांड आठ सीटों की है. कांग्रेस 2009 का फार्मूला चाहती है. तब कांग्रेस के 23 नेता चुनाव जीते थे. इस आधार पर कांग्रेस 25 सीटें मांग रही है. अखिलेश यादव को अपने कोटे में कुछ सहयोगी दलों को भी एडजस्ट करना है.
सीटों के समझौते के लिए समाजवादी पार्टी ने पांच नेताओं की एक कमेटी बना दी है. राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव अब तक ये काम अकेले कर रहे थे. लेकिन अखिलेश यादव ने उनके साथ चार और नेताओं को जोड़ दिया है. जावेद अली खान, लालजी वर्मा, संग्राम सिंह यादव और उदयवीर सिंह भी इस कमेटी में हैं. अखिलेश यादव ने कांग्रेस से कहा है कि वे सीट के साथ साथ अपना कैंडिडेट भी बतायें. यहीं मामला फंस रहा है. इमरान मसूद और दानिश अली के लिए अखिलेश सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं. दो ऐसी सीटें हैं जहां अखिलेश ने अपना टिकट फाइनल कर दिया है. अब कांग्रेस भी वहां से टिकट मांग रही है.