+

IND vs SL ODI Series:गंभीर के आते ही टीम इंडिया की बड़ी कमजोरी दूर होने लगी, श्रीलंका में दिखा असर

IND vs SL ODI Series: कुछ साल पहले तक टीम इंडिया मे युवराज सिंह, सुरेश रैना और केदार जाधव जैसे खिलाड़ी थे, जो बैटिंग की अपनी मुख्य जिम्मेदारी के अलावा टीम के लिए लगभग हर मैच में कुछ ओवर की गेंदबाजी भी करते रहे हैं. लेकिन मौजूदा टीम इंडिया में ऐसे

IND vs SL ODI Series: जैसी उम्मीद थी और जैसा सोचा था, नए कोच गौतम गंभीर के कार्यकाल की शुरुआत टीम इंडिया के लिए बिल्कुल वैसी ही रही. श्रीलंका दौरे पर टी20 सीरीज में टीम इंडिया ने 3-0 से क्लीन स्वीप किया. टी20 वर्ल्ड कप जीतने के करीब एक महीने बाद हुई इस सीरीज में टीम इंडिया के कई खिलाड़ी वही थे जो टूर्नामेंट का हिस्सा थे. बस कप्तान नए थे- सूर्यकुमार यादव. ऐसे में नए कोच और कप्तान की जोड़ी के लिए इससे बेहतर शुरुआत नहीं हो सकती थी. ये शुरुआत इसलिए भी खास थी क्योंकि गंभीर ने आते ही उस काम पर जोर लगा दिया, जिसका इंतजार पिछले 7-8 साल से टीम इंडिया कर रही थी. इसकी झलक दिखी दूसरे और खास तौर पर तीसरे टी20 मैच में लेकिन असर लंबे समय तक रहेगा.

टीम इंडिया के कोच के रूप में अपनी पहली ही सीरीज में गौतम गंभीर ने टीम इंडिया की एक अहम परेशानी को हल करने पर जोर दिया. ये वही परेशानी है जिसका जिक्र बीते कुछ सालों में कई पूर्व भारतीय खिलाड़ी कर चुके थे, जिसके कारण टीम इंडिया के संतुलन पर असर दिख रहा था. ये दिक्कत थी बैटिंग ऑर्डर में किसी भी खिलाड़ी का गेंदबाजी न कर पाना. युवराज सिंह और सुरेश रैना जैसे दिग्गजों के संन्यास के बाद से ही भारतीय टीम इस मोर्चे पर पिछड़ गई थी लेकिन अब गंभीर ने आते ही इसे दूर कर दिया है.

समस्या दूर करने में जुटे गंभीर

श्रीलंका के खिलाफ आखिरी टी20 मैच के 19वें ओवर में रिंकू सिंह और 20वें ओवर में खुद कप्तान सूर्यकुमार यादव बॉलिंग के लिए आए. दोनों ने 2-2 विकेट हासिल कर हाथ से फिसलते हुए मैच को टाई करवाया और फिर सुपर ओवर में टीम जीत गई. ये सिर्फ कोई तुक्का नहीं था, या फिर हताशा में चला गया पैंतरा नहीं था, बल्कि नए कोच गौतम गंभीर की वो रणनीति और तैयारी है, जो आने वाले सालों के लिहाज से टीम इंडिया के लिए बहुत जरूरी है.

इस सीरीज से पहले भी नेट्स में सूर्यकुमार यादव और रिंकू सिंह जैसे खिलाड़ी भी बॉलिंग करते दिखे थे, जो सिर्फ बल्लेबाज के रूप में टीम का हिस्सा. इनकी फोटोज जब सामने आई थी तब सोशल मीडिया पर मजाक चल रहा था कि गंभीर के दौर में बल्लेबाजों को गेंदबाजी करनी पड़ेगी, जबकि गेंदबाजों को बैटिंग के मौके मिलेंगे. किसे पता था, इसमें से पहले वाली बात सच साबित हो जाएगी. यानी गंभीर अभी से सीधे-सीधे भविष्य की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए फैसले रहे हैं.

टीम इंडिया को खल रही थी कमी

असल में पिछले कुछ सालों से टीम इंडिया की बैटिंग लाइन-अप में विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल जैसे बल्लेबाजों की जगह एक तरह से पक्की ही थी. ये सभी बल्लेबाजी में तो दमदार हैं लेकिन इनमें से कोई भी गेंदबाजी के जरिए टीम की मदद करने में सफल नहीं रहे हैं और इसकी कमी कई बार टीम को खली भी है. ऐसे में गंभीर ने आते ही सबसे पहले इस परेशानी को दूर करने के लए कदम उठाया, ताकि आने वाली सीरीज और टूर्नामेंट्स में टीम इंडिया ऐसे ही नए पैंतरे आजमाए और उसे सफलता हाथ लगे.

facebook twitter