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Virat Kohli Son:अनुष्का-विराट के बेटे का जन्म लंदन में हुआ क्या अब मिलेगी UK की नागरिकता?

Virat Kohli Son: अनुष्का शर्मा ने लंदन में बेटे को जन्म दिया है. इसके बारे में खुद विराट ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट में जानकारी दी है. क्या लंदन में जन्म के कारण विराट-अनुष्का के बेटे को वहां की नागरिकता मिल जाएगी. आइए इसी सवाल का जवाब खोजते हैं और जान लेते

Virat Kohli Son: क्रिकेटर विराट कोहली और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा एक बार फिर पिता-माता बने हैं. अनुष्का शर्मा ने लंदन में बेटे को जन्म दिया है. इसके बारे में खुद विराट ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट में जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि बेटे का नाम अकाय रखा है. विराट और अनुष्का की एक बेटी पहले है, जिसका नाम वामिका है. बेटे के जन्म के बाद विराट-अनुष्का को सोशल मीडिया पर ढेरों बधाइयां मिल रही हैं.

इस बीच लोगों के जेहन में यह बात भी आ रही है कि क्या लंदन में जन्म के कारण विराट-अनुष्का के बेटे को वहां की नागरिकता मिल जाएगी. आइए इसी सवाल का जवाब खोजते हैं और जान लेते हैं कि क्या है यूनाइटेड किंगडम (यूके) की नागरिकता पाने का तरीका.

ब्रिटेन की नागरिकता मिलेगी या नहीं?

आमतौर पर कोई भी व्यक्ति उस देश का नागरिक होता है, जहां उसका जन्म होता है पर इसके लिए जरूरी है कि उसके माता-पिता या दोनों में से कोई एक उसी देश के नागरिक हों. इसके लिए वैसे अलग-अलग देशों के नियम अलग-अलग हो सकते हैं. चूंकि अनुष्का शर्मा और विराट कोहली भारतीय नागरिक हैं और केवल हॉस्पिटैलिटी और बेहतर चिकित्सा संसाधनों के चलते वे बेटे के जन्म के लिए लंदन गए हैं, इसलिए वहां जन्म के बावजूद अकाय को यूके की नागरिकता नहीं मिलेगी.

अगर सामान्य तौर पर किसी एक देश की नागरिक महिला दूसरे देश में जाकर बच्चे को जन्म देती है तो उसके बच्चे को उस दूसरे देश की नागरिकता अपने आप नहीं मिलेगी. विराट और अनुष्का के बेटे के मामले में भी यही नियम लागू होता है. उसे अगर यूके की नागरिकता चाहिए तो वहां के नागरिकता नियमों का पालन करना होगा.

क्या है UK की नागरिकता पाने का सामान्य नियम

वैसे हर देश की नागरिकता पाने के लिए अलग-अलग नियम हैं. पहले यूके में लगातार पांच साल वैध वीजा पर रहने के बाद कोई भी व्यक्ति वहां की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता था. इसके बाद अंग्रेजी और वहां के आम जीवन से जुड़े सामान्य ज्ञान की परीक्षा पास करनी पड़ती थी. बाद में इस नियम में बदलाव कर दिया गया और कहा गया कि वैध वीजा के साथ पांच साल तक रहने के बाद भी लोगों को अस्थायी नागरिकता दी जाएगी.

पक्की नागरिकता पाने के लिए ऐसे लोगों को प्वाइंट सिस्टम से गुजरना होगा. ऐसे में अस्थायी नागरिकता को पक्की नागरिकता में बदलने में एक से पांच साल तक का समय लग सकता है.

क्या है प्वाइंट सिस्टम?

प्वाइंट सिस्टम में नागरिकता के लिए आवेदन करने वालों को अलग-अलग मुद्दों पर प्वाइंट दिए जाते हैं और किसी नियम के पालन में असफल रहने पर प्वाइंट काटे भी जाते हैं. ऐसे में एक निश्चित प्वाइंट पाने के बाद ही नागरिकता स्थायी होती है. अगर कोई व्यक्ति किसी ब्रिटिश नागरिक से शादी कर लेता है तो जरूर उसके लिए नागरिकता पाना आसान हो जाता है. इसके लिए भी अलग से नियम तय हैं.

अमेरिका की सिटीजनशिप के लिए तय हैं कायदे

इसी तरह से अमेरिका की नागरिकता पाने के लिए भी सामान्य तौर पर वहां का कम से कम पांच सालों के लिए वैध स्थायी निवासी होना चाहिए. इसके अलावा कुछ विशेष प्रावधान भी हैं, जिससे लोगों को आसानी से नागरिकता मिल जाती है.

जैसे अगर कोई व्यक्ति किसी अमेरिकी से शादी करता है यानी पति-पत्नी में से कोई पहले से अमेरिकी हैं तो नागरिकता पाने में आसानी होती है. कोई व्यक्ति सैन्य सेवा में रहा तो उसे भी नागरिकता के नियमों में कुछ रियायतें मिलती हैं.

कनाडा का नागरिक बनना है तो पूरी करनी होंगी ये शर्तें

कनाडा की नागरिकता पाने के लिए पहली शर्त यही है कि किसी भी व्यक्ति को कम से कम पांच साल में से वहां 1,095 दिन गुजारने होंगे. इन 1095 दिनों की गिनती भी खास तरह से की जाती है. जितने दिन भी आप कनाडा में फिजिकली उपस्थित रहेंगे, उतने ही दिनों को नागरिकता के लिए गिना जाएगा. फिर फिजिकली उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कम से कम दो साल तक स्थायी रूप से रहना होगा.

जिन पांच सालों में कनाडा में रहने का दावा किया जाएगा, उनमें से तीन सालों तक वहां टैक्स भरना भी जरूरी होगी. इसके अलावा कनाडा की नागरिकता पाने के लिए किसी पर कोई क्रिमिनल केस नहीं होना चाहिए. वहां के नागरिक कर्तव्यों की जानकारी, भूगोल-इतिहास और राजनीतिक ढांचे की समझ रखनी होगी. नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले की उम्र 18 से 54 साल के बीच होने पर अंग्रेजी या फ्रेंच भाषा की जानकारी का प्रमाण भी देना होगा.

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