Anil Ambani Reliance Infr: बीते कुछ महीनों में अनिल अंबानी के लिए हालात बदलने लगे हैं, खासकर उनकी दो प्रमुख कंपनियों—रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर—के कर्जमुक्त होने के बाद से। यह उपलब्धि न सिर्फ कंपनियों के लिए, बल्कि अनिल अंबानी की व्यावसायिक प्रतिष्ठा के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो रही है। अब दिवाली से ठीक पहले, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी एक और खुशखबरी सामने आई है, जिसने कंपनी के शेयरधारकों और निवेशकों का उत्साह और बढ़ा दिया है।
6,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने शेयरधारकों की मंजूरी के बाद 6,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना का ऐलान किया है। यह राशि क्यूआईपी (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट) के जरिए जुटाई जाएगी। कंपनी ने शेयर बाजार को यह जानकारी दी कि 98% से अधिक शेयरधारकों ने डाक मतपत्र के माध्यम से इस योजना के पक्ष में मतदान किया है। इससे पहले, 19 सितंबर को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशक मंडल ने 6,000 करोड़ रुपये जुटाने की इस योजना को स्वीकृति दी थी, जिसमें से 3,014 करोड़ रुपये तरजीही आवंटन और 3,000 करोड़ रुपये क्यूआईपी के जरिए जुटाए जाने हैं।
निवेशकों को मिला मुनाफा
पिछले 6 महीनों में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों ने अपने निवेशकों को लगभग 40% का शानदार रिटर्न दिया है। खबर लिखे जाने तक कंपनी का शेयर 272 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा था, और संभावना जताई जा रही है कि इस नई योजना की वजह से शेयरों में और तेजी आ सकती है। दूसरी ओर, रिलायंस पावर ने भी पिछले 6 महीनों में 46% का रिटर्न दिया है, और इसका मौजूदा शेयर मूल्य लगभग 41 रुपये के करीब है। यह प्रदर्शन अनिल अंबानी की कंपनियों के लिए निवेशकों के बढ़ते विश्वास का संकेत है।
विस्तार की योजना
पहले चरण में, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर 240 रुपये प्रति शेयर के निर्गम मूल्य पर 12.56 करोड़ इक्विटी शेयर या परिवर्तनीय वारंट जारी कर 3,014 करोड़ रुपये जुटाने जा रही है। इस योजना के तहत रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रवर्तक कंपनी राइजी इनफिनिटी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए 1,104 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे, जिसमें वे 4.60 करोड़ शेयर खरीदेंगे। इसके अलावा, मुंबई स्थित फॉर्च्यून फाइनेंशियल एंड इक्विटीज सर्विसेज और फ्लोरिंट्री इनोवेशन एलएलपी भी इस तरजीही निर्गम में भाग लेंगे। फ्लोरिंट्री इनोवेशन के स्वामी मैथ्यू साइरियाक हैं, जो पहले ब्लैकस्टोन के कार्यकारी रह चुके हैं, जबकि फॉर्च्यून फाइनेंशियल निमिश शाह के स्वामित्व में है।
भविष्य की संभावनाएं
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर की हालिया प्रगति यह दिखाती है कि अनिल अंबानी के नेतृत्व में कंपनियां न केवल अपने वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ कर रही हैं, बल्कि भविष्य के लिए भी तैयार हैं। कर्जमुक्त होने के बाद कंपनियों की नई योजनाएं और निवेश से उनके विस्तार की संभावनाएं और बढ़ गई हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि अनिल अंबानी अपने कारोबार को पुनर्जीवित करने की दिशा में सक्रिय हैं, जो आने वाले दिनों में निवेशकों के लिए और भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
अंत में, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरधारकों द्वारा 6,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना को मंजूरी मिलना कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो इसे नए स्तरों पर ले जाने में मदद करेगा।