America-Syria News: अमेरिका ने हाल ही में सीरिया में आतंकवादी ठिकानों पर बड़े हमले कर अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया है। यह हमले इजरायल की तर्ज पर किए गए हैं, जो लगातार हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहा है। अमेरिकी सेना ने दो प्रमुख ऑपरेशनों को अंजाम दिया, जिसमें इस्लामिक स्टेट (आईएस) और अलकायदा से जुड़े 37 आतंकवादियों को मार गिराया गया है। इन हमलों में दो उच्चस्तरीय आतंकवादी नेताओं को भी ढेर कर दिया गया।
अमेरिकी सेना का हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने रविवार को जानकारी दी कि 16 सितंबर और 19 सितंबर को हुए इन हमलों में सीरिया के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। 19 सितंबर को हुए हमले में हुर्रास अल-दीन समूह के एक शीर्ष आतंकवादी और उसके आठ साथियों को मारा गया। यह समूह अलकायदा से जुड़ा हुआ था और पश्चिमी सीरिया में सक्रिय था।
इसके अलावा, 16 सितंबर को अमेरिकी सेना ने मध्य सीरिया के एक अज्ञात दूरस्थ इलाके में आईएस के प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया। इस "बड़े पैमाने पर हवाई हमले" में 28 आईएस आतंकवादियों को मार गिराया गया।
अमेरिकी सेना की उपस्थिति
सीरिया में करीब 900 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, जो मुख्य रूप से आईएस समूह के फिर से उभरने को रोकने का काम कर रहे हैं। 2014 में आईएस ने इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था और खलीफा राज्य की घोषणा की थी। हालांकि, अमेरिका और उसके सहयोगियों के समर्थन से किए गए संयुक्त अभियानों के चलते आईएस को भारी नुकसान झेलना पड़ा और उनका नियंत्रण खत्म हो गया।
आतंकवाद के खिलाफ अभियान की नई कड़ी
अमेरिकी सेना की ये कार्रवाई आतंकवादियों के खिलाफ उसकी सतर्कता को दर्शाती है। ये हमले इस बात का प्रमाण हैं कि अमेरिका आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के अपने अभियान को जारी रखे हुए है। इजरायल के हिजबुल्लाह के ठिकानों पर लगातार हमलों की तरह, अमेरिका भी आतंकी गुटों के खिलाफ आक्रामक रणनीति अपना रहा है।
अमेरिकी सेनाओं की बढ़ती गतिविधि
सीरिया में अमेरिकी सेनाओं की यह गतिविधि इस बात का संकेत है कि अमेरिका मध्य पूर्व में स्थिरता और शांति बनाए रखने के लिए अपने प्रयासों को और तेज कर रहा है। हालिया हमले न केवल आईएस और अलकायदा जैसे आतंकवादी गुटों को कमजोर करने की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की प्रतिबद्धता अब भी कायम है।
इस ऑपरेशन में मारे गए आतंकवादी गुट मध्य पूर्व में अस्थिरता फैलाने का काम कर रहे थे, लेकिन अमेरिकी हमलों से उनकी ताकत को बड़ा झटका लगा है। इन हमलों के बाद आतंकवादी समूहों के लिए सीरिया में अपनी गतिविधियों को जारी रखना और कठिन हो जाएगा।