Delhi NCR Pollution: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण ने एक बार फिर स्थिति को चिंताजनक बना दिया है। रविवार को क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 460 को पार कर गया, जिसे "गंभीर" श्रेणी में रखा जाता है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता प्रबंधन समिति ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण को लागू करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
स्कूल-कॉलेज बंद और ऑनलाइन कक्षाओं का निर्देश
प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है। इसमें कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों की शिक्षा ऑनलाइन माध्यम से जारी रखने की सिफारिश की गई है। जिला शिक्षा अधिकारियों ने सभी स्कूलों और कॉलेजों को तत्काल प्रभाव से इन आदेशों का पालन करने के निर्देश ईमेल के माध्यम से भेजे हैं।
यह कदम बच्चों और युवाओं को जहरीली हवा से बचाने के लिए उठाया गया है। छोटे बच्चों की कक्षाएं पहले ही बंद कर दी गई थीं, और अब 11वीं-12वीं कक्षाओं के साथ-साथ कॉलेजों को भी बंद करने का फैसला लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि जब तक AQI में उल्लेखनीय सुधार नहीं होता, तब तक GRAP-4 के तहत लागू पाबंदियां जारी रहेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि GRAP-4 को हटाने के लिए अदालत से अनुमति लेना आवश्यक होगा।
दिल्ली-एनसीआर में अन्य पाबंदियां
दिल्ली में प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए सोमवार सुबह से ही कई कदम उठाए गए हैं:
- केवल CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी गई है।
- भारी और डीजल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- ऑड-ईवन प्रणाली को फिर से लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
- पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखने और इसे रोकने के लिए इसरो से मदद लेने की सिफारिश की गई है।
देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर
पिछले 24 घंटे के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली को देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया, जबकि हरियाणा का बहादुरगढ़ पहले स्थान पर रहा।
पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती
सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाओं पर सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह सटीक और त्वरित कार्रवाई के लिए स्थिर उपग्रहों से डेटा प्राप्त करे। यह डेटा राज्यों को दिया जाएगा ताकि वे तत्काल कदम उठा सकें।
निष्कर्ष
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक गंभीर चुनौती बन गया है, जिससे निपटने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट और सरकार के कठोर फैसलों के बीच यह देखना होगा कि इन उपायों का प्रभाव वायु गुणवत्ता में सुधार लाने में कितना कारगर होता है।