Rahul Gandhi News:आरक्षण पर आर-पार! मायावती हुई राहुल की सफाई पर हमलावर, कहा- करते हैं छलावा

11:09 AM Sep 11, 2024 | zoomnews.in

Rahul Gandhi News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा आरक्षण पर दिए गए बयान के बाद से विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती इस मुद्दे को लेकर काफी आक्रामक नजर आ रही हैं। उन्होंने 11 सितंबर को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल गांधी पर तीखे आरोप लगाए और उनके आरक्षण संबंधी बयान को गुमराह करने वाला बताया।

मायावती का आरोप

मायावती ने राहुल गांधी के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल गांधी का यह कहना कि वे आरक्षण के विरोधी नहीं हैं, पूरी तरह से गलत और भ्रमित करने वाला है। उनका कहना है कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर एससी/एसटी के प्रमोशन में आरक्षण विधेयक को पास नहीं होने दिया। यह उनके आरक्षण के प्रति विरोधी दृष्टिकोण का प्रमाण है।

मायावती ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी की ओर से आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाने की बात एक छलावा है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस की नीयत वास्तव में साफ होती, तो पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों के दौरान यह कदम पहले ही उठाया गया होता। मायावती ने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि जब कांग्रेस सत्ता में नहीं होती, तब ये उपेक्षित SC/ST/OBC वर्गों के वोटों को आकर्षित करने के लिए इन वर्गों के कल्याण की बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद इनके हितों के खिलाफ काम करती है।

राहुल गांधी की सफाई

आरक्षण पर विवाद के बाद राहुल गांधी ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने साफ किया कि वे स्वयं आरक्षण के समर्थक हैं और चाहते हैं कि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाई जाए। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि वे सभी वर्गों की भागीदारी के लिए राजनीति कर रहे हैं।

इस बयान की पृष्ठभूमि में वर्जीनिया विश्वविद्यालय के एक छात्र द्वारा किए गए सवाल को माना जा सकता है, जिसमें पूछा गया था कि भारत में आरक्षण कब तक जारी रहेगा। इस पर राहुल गांधी ने कहा था कि जब सही समय आएगा, तब आरक्षण को समाप्त किया जाएगा, लेकिन वर्तमान में इसकी आवश्यकता बनी हुई है।

मायावती का ऐतिहासिक संदर्भ

मायावती ने राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस की सरकार ने एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण के कोटा को पूरा नहीं किया था, और इसी वजह से बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। मायावती के अनुसार, कांग्रेस की आरक्षण-विरोधी सोच उनके ऐतिहासिक कार्यों में भी साफ देखी जा सकती है।

निष्कर्ष

आरक्षण पर राहुल गांधी और मायावती के बीच यह विवाद भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है। जहां राहुल गांधी ने आरक्षण की सीमाओं को बढ़ाने की बात की है और अपनी स्थिति स्पष्ट की है, वहीं मायावती ने कांग्रेस की नीयत और कार्यों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। इस मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच का संघर्ष और भी गहराता दिख रहा है और यह राजनीतिक चर्चा का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।