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Delhi Election:कालकाजी से अलका लांबा होंगी कांग्रेस उम्मीदवार! आतिशी को देंगी टक्कर

Delhi Election: दिल्ली में फरवरी, 2025 में विधानसभा का चुनाव हो सकता है. आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. कालकाजी से

Delhi Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आते ही राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने कालकाजी विधानसभा सीट से अपनी उम्मीदवार के तौर पर अलका लांबा को चुना है। यह निर्णय कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में लिया गया है, जो आज मंगलवार को हो रही है। अलका लांबा, जो पहले दिल्ली में कांग्रेस की एक प्रमुख नेता रही हैं, अब आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने वाली हैं।

अलका लांबा का राजनीतिक सफर

अलका लांबा का राजनीति में लंबा अनुभव रहा है। वह दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं और कांग्रेस पार्टी में अपनी पहचान बना चुकी हैं। हालांकि, 2014 में उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था। 2015 में चांदनी चौक से विधायक बनने के बाद उन्होंने 2019 में आप से इस्तीफा दे दिया और फिर से कांग्रेस में वापसी की। अब, वह कालकाजी से दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी को चुनौती देने के लिए तैयार हैं।

कांग्रेस के अन्य उम्मीदवार

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस एससी-एसटी विभाग के अध्यक्ष राजेश लिलोठिया सीमापुरी से उम्मीदवार होंगे। इसके अलावा, जंगपुरा से फरहाद सूरी, मटिया महल से आसिम अहमद और बिजवासन से देवेंद्र सहरावत को भी पार्टी का प्रत्याशी चुना गया है।

कांग्रेस का चुनावी एजेंडा

कांग्रेस की योजना है कि वह दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाए। पार्टी हर महिला को एक रिस्टबैंड देने का ऐलान करने जा रही है। इसके अलावा, कांग्रेस यह घोषणा भी कर सकती है कि वह प्रत्येक घर की एक महिला को 3100 रुपये महीने की आर्थिक मदद देगी। इसके साथ ही, दिल्लीवासियों को 400 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का भी वादा किया जाएगा।

बीजेपी की तैयारी

बीजेपी भी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी की पहली सूची इस हफ्ते जारी हो सकती है, और पार्टी अपने कुछ पूर्व सांसदों को विधानसभा के लिए टिकट दे सकती है। विशेष रूप से नई दिल्ली विधानसभा सीट से पूर्व सांसद परवेश वर्मा का अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है।

बीजेपी ने यह साफ कर दिया है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में बिना सीएम उम्मीदवार के उतरेगी। पार्टी आगामी चुनाव में अपनी सीटों को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी।

दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार फिर से त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। जहां आम आदमी पार्टी सत्ता में वापसी करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है, वहीं बीजेपी 26 साल बाद सत्ता पर काबिज होने की उम्मीद लगाए बैठी है। कांग्रेस भी पूरी ताकत से चुनावी मैदान में है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इन तीनों पार्टियों के बीच मुकाबला कैसे बदलता है।

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की संभावनाएं खत्म हो चुकी हैं, जबकि लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने एक साथ चुनाव लड़ा था। ऐसे में दिल्ली विधानसभा चुनाव में फिर से एक निर्णायक मुकाबला देखने को मिलेगा, जिसमें भाजपा, कांग्रेस और आप अपनी-अपनी ताकत झोंकेंगे।

निष्कर्ष

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कड़ी राजनीतिक जंग छिड़ने वाली है, जिसमें अलका लांबा की वापसी, कांग्रेस की महिला सुरक्षा योजनाओं और बीजेपी की रणनीतियां चुनावी मैदान को और भी दिलचस्प बना देंगी। अब, यह देखना होगा कि कौन सी पार्टी दिल्ली की जनता का विश्वास जीतने में सफल होती है।

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